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यूपीआई से 50% तक बढ़ गए ट्रांजेक्शन, खरीदारी में सब्जी-किराना के साथ मंदिर में दान के लिए इसी का हो रहा उपयोग

यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई से ट्रांजेक्शन में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। 50 फीसदी से अधिक ट्रांजेक्शन यूपीआई से किए जा रहे हैं। चाहे सब्जी वाले का भुगतान ...

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यूपीआई

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ग्वालियर. यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई से ट्रांजेक्शन में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। 50 फीसदी से अधिक ट्रांजेक्शन यूपीआई से किए जा रहे हैं। चाहे सब्जी वाले का भुगतान करना हो या जनरल स्टोर का, यहां तक कि शहर के प्रमुख मंदिरों में भी यूपीआई से ही लोग दान तक करने लगे हैं। कई मंदिरों में इसके लिए बार कोड लगा दिए गए हैं। हालांकि इससे बैंक एटीएम से ट्रांजेक्शन पर असर पड़ा है, जिससे एटीएम की संख्या कम होने लगी है।

ग्वालियर में 550 में 460 रह गए एटीएम

यूपीआई ट्रांजेक्शन बढ़ने का असर बैंकों के एटीएम पर पड़ने लगा है। ग्वालियर सहित मध्यप्रदेश में एटीएम की संख्या में काफी कमी आई है। मध्यप्रदेश में मार्च-2023 में 9294 एटीएम थे, मार्च-2024 में 9,156 एटीएम थे, जो मार्च-2025 में 8,882 ही रह गए। ग्वालियर में एटीएम 550 से अधिक थे, जो अब घटकर 460 ही रह गए हैं। दरअसल, बैंकों की ओर से पांच ट्रांजेक्शन के बाद लगाए जाने वाले शुल्क भी इसकी बड़ी वजह हैं।

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पहले दुकान में गल्ला भर जाता था, अब खाली रहता है

जनरल स्टोर संचालक मनोज अग्रवाल ने बताया, यहां आने वाले ग्राहकों में 60 फीसदी यूपीआई से भुगतान करना पसंद कर रहे हैं। पहले दुकान में गल्ला भर जाता था, अब वो खाली रहता है। माल बिक जाता है , पेमेंट सीधा खाते में पहुंच जाता है। यूपीआई ट्रांजेक्शन के लिए दो बार कोड ले रखे हैं। ग्राहकों को भुगतान करना आसान लगता है, क्योंकि जेब में रुपए लेकर भी नहीं चलना पड़ता।

जाने यूपीआई को

  • यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए कई बैंक खातों को एक मोबाइल ऐप पर मैनेज किया जा सकता है।
  • यूपीआई सिस्टम रियल टाइम फंड ट्रांसफर करता है। एक एप्लीकेशन में कई बैंक अकाउंट लिंक किए जा सकते हैं।
  • किसी को पैसे भेजने के लिए आपको मोबाइल नंबर, अकाउंट नंबर या यूपीआई आईडी की जरूरत पड़ती है।
  • यूपीआई से ऑनलाइन शॉपिंग करने के लिए ओटीपी, सीवीवी कोड, कार्ड नंबर, एक्सपायरी डेट आदि की जरूरत नहीं होती।