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भगवन गणेश की पूजा मैं तुलसी चढ़ाना पड़ सकता है भारी, पूजा मैं भूल से भी न रखें

लम्बोदर भगवन गणेश की पूजा मैं तुलसी को अशुभ माना गया है। गणेश जी की पूजा मैं तुलसी रखने से भी अशुभ घटनाएं हो जाती हैं।

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ग्वालियर। भगवन गणेश सभी देवों मैं सबसे अधिक प्रिय हैं। भगवन भोलेनाथ के पुत्र गणेश जी की पूजा सभी देवों मैं भी सर्वप्रथम की जाती है। लेकिन गौरीनंदन गणेश की पूजा मैं तुलसी के पत्ते रखना आपपर भारी पड़ सकता है। इससे गणेश जी रुष्ट हो जाते हैं और कई अशुभ घटनाएं हो जाती हैं। गणेश चतुर्थी से कुछ समय पहले ही पूरे देश मैं जोर शोर से भगवन गणेश जी की पूजा अर्चना शुरू हो जाती है। श्रद्धालु बप्पा को घर पर विराजित करते है और उनकी भक्तिभाव से पूजा करते हैं। वहीं कुछ दिन घर मैं बप्पा की पूजा कर उनकी प्रतिमा को नदी मैं प्रवाहित कर देते हैं। और अगले वर्ष फिर से आने की कामना करते हैं। यदि आप भी घर मैं बप्पा की पूजा करते हैं तो जान लो पूजा मैं तुलसी के पत्ते रखना क्यों होता है अशुभ

इसलिए वर्जित है तुलसी
पुराणों के अनुसार देवी तुलसी ने तपस्या मैं लीन भगवान गणेश की तपस्या को भंग कर दिया था। जिससे भगवन गणेश नाराज हो गए थे
और तभी से उनकी पूजा मैं यदि कोई तुलसी की पत्तियां चढ़ाता है तो वे क्रोधित हो जाते हैं। और पूजा शुभ नहीं मानी जाती।

देवी तुलसी ने दिया गणेश जी को श्राप
पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक एकबार भगवान गणेश गंगा नदी के समीप तपस्या मैं लीन थे तभी देवी तुलसी अपने लिए वर की इच्छाहेतु विचरण कर रही थी। उन्हें गंगा किनारे श्वेत रंग पर पीला चन्दन लपेटे कानों मैं कुण्डल धारण किये हुए गणेश जी दिखाई दिए। देवी तुलसी उनपर मोहित हो गयी। और मन ही मन उन्हें अपना पति मान बैठी। देवी तुलसी यहीं नहीं रुकी उन्होंने गणेश जी की तपस्या मैं भंग डाला । जिससे गणेश जी क्रोधित हो उठे। तुलसी ने गणेश जी के समक्ष विवाह का प्रस्ताव रखा, लेकिन गणेश जी ने ब्रह्मचारी कहकर उनका यह प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया। जिससे नाराज होकर देवी तुलसी ने उन्हें श्राप दिया, कि तुम्हारी दो शादी होंगी।

गणेश जी ने तुलसी को राक्षश के विवाह का दिया श्राप
क्रोधित गणेश जी ने भी तुलसी को श्राप दिया कि तुम्हारा विवाह एक राक्षश से होगा। भगवन गणेश जी का भयंकर श्राप सुनकर देवी तुलसी विलाप करने लगीऔर क्षमा याचना करने लगीं। तब गणेश जी ने तुलसी से कहा तुम्हारा विवाह शंखचूर्ण राक्षश के साथ होगा, किन्तु भगवान विष्णु को प्रिय होने के कारण समस्त संसार तुम्हारी पूजा करेगा और पूजा मैं तुम्हारे शुभ पत्तों का उपयोग किया जायेगा लेकिन मेरी पूजा मैं तुलसी चढ़ाना अशुभ माना जायेगा। तभी से गणेश जी की पूजा मैं तुलसी चढ़ाना अशुभ माना जाता है ।