Vegetable Rate Hike: एमपी पर मानसून की बारिश का खुमार चढ़ा है और इधर सब्जी मंडियों में हाहाकर मचा है, लगातार बारिश के कारण टमाटर और खीरा के साथ ही अन्य सब्जियां महंगी होने से गृहणियां दुखी, बोलीं- बिगड़ने लगा बजट
Vegetable Rate Hike: शहर में हुई लगातार बारिश का असर अब सब्जियों के दामों पर भी दिखाई देने लगा है। सब्जियों की आवक कम होने के साथ ही उनके दामों में भी उछाल आने लगा है। आलम यह है कि 15 दिन पूर्व तक 10 रुपए किलो बिकने वाला टमाटर अब 40 रुपए किलो के पार जा चुका है। दूसरी सब्जियों के दाम भी तेज होने लगे हैं। वहीं दो महीने से गर्मी के पूरे सीजन में इस बार सब्जियों के दाम स्थिर बने हुए थे। थोक सब्जी कारोबारियों का कहना है कि बारिश के बढ़ने के साथ ही आने वाले दिनों में सब्जियों की आवक और कम हो जाएगी।
लक्ष्मीगंज थोक मंडी के सब्जी कारोबारी गोपाल सिंह कुशवाहा ने बताया कि कुछ समय पूर्व तक टमाटर की एक कैरेट (20 किलो) 350 रुपए की बिक रही थी, जो अब बढकऱ 800 रुपए प्रति कैरेट हो गई है। इन दिनों बेंगलुरु से टमाटर की आवक हो रही है। पहलेे लोकल की आवक भरपूर हो रही थी। बेंगलुरु से टमाटर मंगाने के लिए 200 रुपए प्रति कैरेट भाड़ा देना पड़ रहा है। इसी तरह से हरी सब्जियों के दाम भी बढ़ने लगे हैं। थोक में हरा धनिया 80 रुपए किलो, लौकी-कद्दू, बैंगन 10 रुपए, अदरक 50 रुपए, फूलगोभी 30 रुपए किलो के भाव से बिक रहा।
टमाटर - 40 रुपए
खीरा - 60 रुपए
तोरई - 50 रुपए
फूलगोभी - 40 रुपए
पत्तागोभी - 25 रुपए
शिमला मिर्च 80 रुपए
कैरी - 50 रुपए
टिंडा - 60 रुपए
भिंडी - 40 रुपए
लौकी - 30 रुपए
कद्दू - 30 रुपए
बैंगन - 30 रुपए
प्याज - 25 रुपए
आलू - 20 रुपए
हरा धनिया - 120 रुपए
हरी मिर्च - 40 रुपए
अदरक - 80 रुपए
नीबू - 80 रुपए
(नोट : सभी दाम प्रति किलो में छत्री मंडी से)
बढ़ती महंगाई के कारण वैसे ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस पर सब्जी भी महंगी हो जाए तो अतिरिक्त भार बढ़ जाता है। सब्जियों का सीधा असर गृहणियों के किचन पर पड़ता है।
मोनिका जैन, लोहामंडी
सब्जियों के दाम महंगे होने से मध्यमवर्गीय परिवारों को बहुत दिक्कत आती है क्योंकि वह एक बजट बनाकर चलते हैं, जब बजट गड़बड़ा जाता है तो इसका सीधा असर गृहस्थी पर पड़ता है। दाम कम ही रहना चाहिए।
सरोज अग्रवाल, दाल बाजार