
इंडो-ब्रिटिश शैली में बना है विक्टोरिया मार्केट, आजादी के पहले कलाकार बेचते थे उत्पाद
ग्वालियर.
महाराज बाड़ा स्थित विक्टोरिया मार्केट इतिहास की दृष्टि से बेसकीमती है। यह अपने अंदर बहुत कुछ समेटे हुए है। इस भवन को 1905 में माधौ राव सिंधिया ने तैयार कराया, जो महाराजा जयाजी राव सिंधिया की कल्पना थी। भवन का डिजाइन बलवंत भैया शिंदे ने तैयार किया था। यह इंडो-ब्रिटिश शैली का बेहतरीन उदाहरण है। इतिहासकारों के अनुसार सिंधिया राजघराने के सदस्य व अंग्रेज अफसरों के परिवार यहां घूमने व खरीदारी करने पहुंचते थे। किला, जय विलास पैलेस को देखने आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक विक्टोरिया मार्केट भवन देखने भी पहुंचते थे।
आग से गिर गया था काफी हिस्सा
विक्टोरिया मार्केट में 4 जून 2010 की रात आग लगी, जिसके कारण भवन का काफी हिस्सा गिर गया था। बाद में भवन के महत्व को देखते हुए इसे गिराया नहीं गया, बल्कि पुराना स्वरूप लौटाने के लिए काम शुरू किया गया। वर्तमान में यहां नेशनल लेवल का जियोलॉजिकल म्यूजियम तैयार हो रहा है। यहां इंटेक द्वारा रिनोवेशन किया जा चुका है। अभी इंटीरियर वर्क चल रहा है।
विक्टोरिया मार्केट में संचालित होती थीं 147 दुकानें
आजादी से पहले इस मार्केट में शहर के कलाकार व शिल्पी अपने उत्पाद बेचते थे। आजादी के बाद यह मार्केट तो चालू रहा, लेकिन इसका स्वरूप बदल गया। इसमें किताबों से लेकर सभी तरह की दुकान से संचालित होने लगी थीं। इस मार्केट में स्टेशनरी, दोने-पत्तल, खान-पान और कपड़ों की 147 दुकानें संचालित की जाती थीं। आग लगने के बाद इन्हें फूलबाग चौराहे पर शिफ्ट किया गया।
सिंधिया राज परिवार के सदस्य रुकते थे विक्टोरिया मार्केट में
इतिहासकारों के अनुसार सिंधिया राज परिवार के सदस्य दशहरे व अन्य अवसरों पर हाथी पर बैठकर महाराज बाड़ा आते थे और विक्टोरिया मार्केट पर रुकते थे। यहीं से ग्वालियर व्यापार मेले का विचार सिंधिया राजघराने के सदस्यों को आया और ग्वालियर व्यापार मेला पहले सागर ताल और फिर रेसकोर्स रोड पर शुरू हुआ।
Published on:
21 Aug 2021 10:25 am
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