ये है पूरा मामला
एक महिला ने करीब तीन साल पहले जितेंद्र उर्फ काली जैन और चेतन जैन नाम के दो व्यापारियों पर रेप का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। तब महिला ने बताया था कि वो नौकरी के लिए चेतन जैन के पास गई थी। चेतन उसे नौकरी दिलाने की बात कहकर अपने साथ हरिशंकर पुरम स्थित फ्लैट पर ले गया और वहां रेप किया। इसके बाद चेतन ही जितेन्द्र उर्फ काली जैन के पास इंटरव्यू दिलाने के नाम पर ले गया वहां दोनों ने नशा करके उसके साथ रेप किया था। इतना ही नहीं ये भी आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने उसके अश्लील वीडियो भी बनाए हैं जिन्हें वायरल करने की धमकी दी है।
तीन साल बाद झूठे निकले आरोप
पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज किया था और तभी दोनों व्यापारियों चेतन जैन और जितेन्द्र जैन फौरन वकील के पास पहुंचे जिसके बाद इनका रिप्रेसेंटेशन ग्वालियर एसपी और संबंधित थाने में भेजवाया गया था। एसपी ने इस मामले में कार्रवाई न होने तक गिरफ्तारी न करने के निर्देश दिए थे। महिला एसआई सुमन पालिया ने दुष्कर्म को लेकर बताए गए जगहों की जांच की जो आरोप गलत पाए गए। अन्य जांच में भी दोनो व्यापारी निर्दोष निकले। जिसके बाद अब तीन साल बाद न्यायालय ने जितेंद्र उर्फ काली जैन और चेतन जैन को निर्दोष मानते हुए केश में खात्मा लगाने के आदेश दिए हैं।
झूठे आरोप के पीछे की वजह
पक्षकार के वकील अनिल परसोलवाल ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि मामला 21 जून 2021 का है। डबरा के व्यापारी राजेंद्र जैन और प्रशांत जैन का पीड़ितों के साथ व्यापार को लेकर पारिवारिक विवाद था। काली जैन और चेतन जैन को फंसाने के लिए उन्होंने एक महिला का सहारा लिया। ये भी पता चला है कि जिस महिला ने रेप के आरोप लगाए थे उसके संबंध प्रशांत जैन नाम के व्यापारी से थे और उसने प्रशांत जैन पर रेप का आरोप लगाते हुए शिकायती आवेदन भी दिया था लेकिन तब प्रशांत के पिता ने मोटी रकम देकर पीड़िता को चुप करा दिया था। अब जब प्रशांत जैन को दोनों पीड़ित व्यापारियों से बदला लेना था तो उसने महिला का सहारा लिया। कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश भी पुलिस को दिए हैं।