
शॉर्टकट की लालसा में रॉन्ग साइड का चलन
ग्वालियर. गाड़ी चलाने वाले जानते हैं रॉन्ग साइड चलना गलत है। लेकिन ईंधन बचाने का लालच और जल्दबाजी शॉर्टकट का चलन बढ़ा रही है। नियम तोड़ने वालों में युवाओं से लेकर उम्र दराज तक शुमार हैं। गाड़ी चलाने वालों की इस आदत ने गलियों के रास्ते पर भी ट्रैफिक का प्रेशर बढ़ाया है। थोड़ा घूमकर चलने की बजाय नियम तोडक़र छोटा रास्ता तय करना एक्सीडेंट की गिनती बढ़ा रहा है। 27 महीने में 263 लोगों की सड़क हादसों में मौत सिर्फ जल्दबाजी के फेर में गई है और 788 लोग जख्मी होकर जिदंगी भर इस पीड़ा को सहन करने को मजबूर हैं।
रॉन्ग साइड के लिए कुख्यात रास्ते
फूलबाग गुरुद्वारे से शिंदे की छावनी का रास्ता रॉन्ग साइड ड्राइविंग के लिए कुख्यात है। कायदे से फूलबाग गुरुद्वारे से शिंदे की छावनी तिराहा आने के लिए नदी गेट का फेरा लगाना है। महज 250 मीटर का चक्कर बचाने के लालच में गाड़ियां गुरुद्वारा तिराहा से कांग्रेस कार्यालय दफ्तर के रास्ते पर रॉन्ग साइड घुसती हैं। इस परिपाटी को रोकने के लिए गुरुद्वारा तिराहा पर वन वे का बैनर लगाया जा चुका है, बेरिकेड्स रखे जा चुके हैं। यातायात पुलिस का प्वॉइंट तक लग चुका है, लेकिन लोगों की आदत नहीं सुधरी है।
चौकी के सामने से गलत दिशा
रॉन्ग साइड के लिए दूसरा कुख्यात शिंदे की छावनी तिराहे से रामदास घाटी जाने वाला रास्ता है। यहां नौगजा रोड से आने वाली गाड़ियां वन वे का नियम नहीं मानती। नौगजा तिराहे से शिंदे की छावनी तिराहे तक सिर्फ 20 मीटर का फेरा बचाने के लालच में गाड़ियां शिंदे की छावनी पुलिस चौकी के सामने से रॉन्ग साइड घुसती हैं। इन्हें रोका भी नहीं जाता तो लक्ष्मण तलैया और रामदास घाटी तक करीब एक किलोमीटर का रास्ता रॉन्गसाइड नापती हैं, जबकि सडक़ पर गाड़ियों के आने और जाने की अलग लेन है।
27 महीने में हादसे
वर्ष एक्सीडेंट घायल मृतक
2021 540 410 107
2022 504 348 80
2023 485 350 76
क्या कहता है नियम
रॉन्ग साइड ड्राइविंग पर 500 रुपया जुर्माने का नियम है, लगातार नियम तोड़ने पर यातायात पुलिस ड्राइविंग लाइसेंस जप्त कर सकती है।
Published on:
22 Jun 2023 03:43 pm
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