हर साल की भांति इस बार भी छात्रों को धोखे में रखकर पढ़ाई किसी अन्य जगह कराई जाएगी और उनके एग्जाम किसी ओर संस्था में दिलाए जाएंगे। संभाग में ऐसे स्कूलों की संख्या अच्छी खासी है, जिन्होंने पढऩे वाले हजारों छात्र होंगे, जिन्हें ठगा जा रहा है। निजी स्कूल संचालकों ने दूसरे स्कूल संचालकों से बातचीत करके ली है। वे बोर्ड परीक्षा भी इन छात्रों की दूसरी निजी स्कूलों में दिलाने की पूरी रणनीति बना चुके हैं। स्कूल संचालकों द्वारा संस्था परिवर्तन का खुलासा उस समय किया जाता है जब परीक्षा फार्म भरे जा चुके होते और प्रवेश-पत्र छात्रों के हाथों में आता है। इस दौरान जब कोई छात्र विरोध जताता है तो उसे बोर्ड परीक्षा में सुविधा दिए जाने को सपने भी दिखाए जाते हैं। यह सब के पीछे शिक्षा माफिया काम कर रहे हैं।