हमीरपुर. विशेष न्यायाधीश की कोर्ट ने हत्या के आरोप में 18 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जुलाई 2005 में इन लोगों ने वीभत्स तरीके से एक वृद्ध को मंदिर से घसीट कर कुल्हाड़ी से काट डाला था। इतना ही नहीं हत्यारों ने इस घटना की चश्मदीद गवाह महिला का भी बेरहमी से कत्ल कर दिया था। इन दोषियों में पांच सगे भाई भी शामिल हैं।
दोषियों के खिलाफ 18 लोगों पर सुमेरपुर थाना क्षेत्र के इमिल्या मोहल्ले में एक पुजारी की बेरहमी से ह्त्या किये जाने का केस दर्ज था। इन लोगों ने पुजारी को मंदिर से खींच कर कुल्हाड़ी से काट डाला था। साथ ही इस घटना को खिड़की से देख रही एक महिला को भी उसके घर में जलता हुआ सिलेंडर फ़ेंक कर मार दिया था। मामले में 10 लोगों को नामजद किया गया था।
पीड़ित परिवार की तरफ से रणधीर सिंह के पुत्र बलवान सिंह ने सुमेरपुर थाने में 10 लोगों के नामजद कर करीब आधा दर्जन से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इन आरोपियों में बहादुर खां पुत्र इदरीस खान, सुभान, मुहम्मद अहमद और इरशाद समेत 18 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) शमशुल हक ने सभी को दोषी मानते हुए सजा सुनाई।
इनको मिला आजीवन कारावास
दोहरे हत्याकांड में इदरीस खान, मुहम्मद अहमद, सुभान, इरशाद, वकील अहमद, नसीम अहमद, कमलेश कोरी, फूल सिंह, आशिक सिंह, विनोद सिंह, मुल्ला उर्फ शमशेर, मुजीब, सिद्दीक अहमद, कलीम, रशीदा, मूब्बी उर्फ मुबीन, सुम्मा और बच्चा को विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) शमशुल हक ने उम्र कैद की सजा सुनाई।
वीडियो में- वादी बलवंत सिंह और सरकारी वकील शैलेंद्र सक्सेना का बयान…