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हमीरपुर में हैवानियत की शिकार किशोरी हार गई जिंदगी की जंग; गैंगरेप और तेजाब हमले के जख्मों के बाद लखनऊ में ली अंतिम सांस

Hamirpur News: हमीरपुर में 28 अक्टूबर को एक 16 वर्षीय किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म और तेजाब पिलाने की जघन्य वारदात हुई। तेजाब से किशोरी की आंतें बुरी तरह झुलस गईं और लगातार ब्लीडिंग होती रही। लखनऊ केजीएमयू में इलाज के दौरान, 31वें दिन गुरुवार की रात को किशोरी की मौत हो गई।

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हमीरपुर में हैवानियत की शिकार किशोरी हार गई जिंदगी की जंग | Image Source - Patrika

Gang rape acid attack minor death Hamirpur: हमीरपुर जिले में इंसानियत को झकझोर देने वाली एक घटना सामने आई है, जहां जलालपुर इलाके के एक गांव में 28 अक्टूबर की रात को एक 16 वर्षीय किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया। इतना ही नहीं, दरिंदों ने अपनी हैवानियत की हद पार करते हुए पीड़िता को तेजाब भी पिला दिया, जिससे उसकी आंतें बुरी तरह झुलस गईं।

इस जघन्य अपराध ने न सिर्फ किशोरी के जीवन को खतरे में डाला, बल्कि पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया। यह घटना उस समय हुई जब गांव के ही एक नाबालिग समेत तीन युवक दीवार फांदकर किशोरी के घर में घुस गए थे और उसे घर की छत पर ले जाकर दुष्कर्म किया।

30 दिन तक 7 अस्पतालों में चला इलाज

तेजाब पीने के कारण किशोरी की आंतें झुलस गईं थीं और उसे लगातार ब्लीडिंग हो रही थी। घटना के बाद, किशोरी को बचाने के लिए उसके गरीब पिता को 30 दिनों तक 7 अलग-अलग अस्पतालों के दरवाजे खटखटाने पड़े। शुरुआत सरीला सीएचसी से हुई, जहां से उसे झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।

यहां 12 दिनों तक इलाज चलने के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद उसे एसजीपीजीआई लखनऊ, हमीरपुर जिला अस्पताल और कानपुर हैलट मेडिकल कॉलेज के बीच कई बार रेफर किया गया, जहां करीब 15 दिन तक इलाज चला।

केजीएमयू में हुई मौत

लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में तीन दिन के इलाज के बाद बुधवार को किशोरी को सर्जरी वार्ड में शिफ्ट किया गया। लेकिन उसकी हालत बेहद नाजुक थी। पता चला कि उसके शरीर में सिर्फ 4 प्वाइंट ही खून बचा था। गुरुवार देर शाम जलालपुर इंस्पेक्टर अजीत सिंह की पहल पर 2 यूनिट खून की व्यवस्था कराई गई और उसे चढ़ाया भी गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

गुरुवार की देर रात करीब 2 बजे, 31वें दिन, किशोरी ने जिंदगी और मौत की लंबी लड़ाई के बाद दम तोड़ दिया। पिता ने पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि मजदूरी करने वाला वह गरीब, घटना के बाद से घर नहीं गया और अगर समय पर उनकी बेटी को भर्ती कर लिया जाता, तो शायद वह बच सकती थी।

सांसद का बयान

पीड़िता की मौत के बाद अब इस मामले में कानूनी कार्रवाई को और सख्त किया जा रहा है। राज्यसभा सांसद बाबूराम निषाद ने इस घटना को अत्यंत गंभीर बताते हुए कहा है कि अब इस मामले को धारा 302 (हत्या) में बदलवाया जाएगा और जांच में जिनके भी नाम सामने आएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

पुलिस कार्रवाई

एसपी दीक्षा शर्मा ने बताया कि पुलिस लगातार परिवार के संपर्क में थी और इलाज में भी मदद कर रही थी। उन्होंने बताया कि मामले में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर एक किशोर आरोपी को पहले ही पकड़ा जा चुका है। हालांकि, परिजनों ने बाद में दूसरी तहरीर देकर 3 लोगों को आरोपी बनाया था, और पीड़िता ने भी झांसी में अन्य युवकों के नाम लिए थे, लेकिन पुलिस ने अभी तक एफआईआर में उनके नाम शामिल नहीं किए हैं। पुलिस ने बताया कि पीड़िता का पोस्टमार्टम लखनऊ में कराया जा रहा है और परिवार वहीं मौजूद है।