
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
हमीरपुर. 14 वर्ष पूर्व दलित समुदाय की नाबालिग लड़की (17) से दुष्कर्म के मामले में हमीरपुर जिले की एक विशेष अदालत ने पूर्व ग्राम प्रधान के बेटे को सात वर्ष की कैद की सजा और 11 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। साथ ही किशोरी से गर्भपात के मामले में पूर्व प्रधान पर भी 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
30 जून 2007 को हमीरपुर के सुमेरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव के एक व्यक्ति ने पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें उसने आरोप लगाया था कि 10 फरवरी 2007 वह पत्नी के साथ मजदूरी करने गया था। घर में उसकी 17 साल की बेटी अकेली थी। मौका पाकर पूर्व प्रधान वासुदेव का बेटा रामशरण निषाद तमंचा लेकर घर घुस गया और जान से धमकी देकर किशोरी से बलात्कार किया। डर की वजह से उसने यह बता किसी को नहीं बताई। इससे आरोपित के हौसला और बढ़ गया और कई बार उसने पीड़िता से रेप किया। बेटी गर्भवती हुई तो पिता ने ग्राम प्रधान से शिकायत की। इस पर प्रधान 19 जून 2007 को बांदा ले जाकर उसकी बेटी का जबरन उसका गर्भपात करा दिया था।
अभियोजन अधिकारी चंद्रिका प्रसाद ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एससीएसटी) के विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार शुक्ला ने अभियुक्त रामशरण निषाद को दोषी करार दिया। दुष्कर्म के मामले में उसे सात वर्ष कैद की सजा और 11 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है। वहीं, किशोरी का गर्भपात कराने के मामले में पूर्व प्रधान वासुदेव पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
Published on:
06 Mar 2021 03:05 pm
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