पहले तो जिला कलक्टर की ओर से आरओबी निर्माण के लिए श्रीगंगानगर फाटक को बंद करने के लिए एनओसी जारी की थी। अब एनओसी में संशोधन किया जा चुका है। इसमें आरओबी व आरयूबी दोनों का निर्माण होने पर फाटक को बंद करने की अनुशंसा करते हुए एनओसी जारी की जा चुकी है।
श्रीगंगानगर फाटक पर अंडरपास का निर्माण स्टेट हाइवे के मापदंड़ों के अनुसार होगा। दोनों तरफ पांच बाय पांच मीटर के डबल बॉक्स होंगे। इस अंडरपास के जरिए बड़े ट्रोले आसानी से आ जा सकेंगे। व्यापार मण्डल धर्मशाला से अंडरपास का निर्माण शुरू होगा। दूसरी तरफ गंगमूल डेयरी से आने वाले वाहनों को यूटर्न होकर अंडरपास से आना होगा। वाहनों की आवाजाही के लिए दोनों तरफ सर्विस रोड का निर्माण किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार अंडरपास का निर्माण इसी वर्ष के अंत तक शुरू होगा। करीब 18 माह में निर्माण कार्य पूरा करने की अवधि होगी।
इसलिए बदला प्रस्ताव
आरओबी का निर्माण करने पर धानमंडी के गेट बंद होने की आशंका थी। इसके अलावा शिव मंदिर मार्ग पर निर्माण नगर परिषद की ओर से करीब चार करोड़ की लागत से किया गया है। आरओबी होने से इस मार्ग का औचित्य कम हो जाता। इसके अलावा दोनों तरफ के दुकानदारों को भी आर्थिक नुकसान होता। इन तमाम कारणों का हवाला देते हुए व्यापारी संगठन विधायक से मिले थे। जिसके बाद प्रस्ताव में फेरबदल किया गया।
अंडरपास के दोनों तरफ सर्विस रोड का निर्माण करने के लिए नगर परिषद अतिक्रमण हटाएगी। इसके अलावा नालों को शिफ्ट किया जाएगा और सौंदर्यीकरण के लिए विद्युत की व्यवस्था करेगी। सूत्रों के अनुसार इन कार्यों को कराने के लिए नगर परिषद सहमति पत्र भी सार्वजनिक निर्माण विभाग को भेज चुकी है।