राज्य सरकार अपात्र लोगों के नाम खाद्य सुरक्षा से हटाने को लेकर प्रदेश स्तर पर सूची बनाकर सभी एसडीएम को भेज रही है। सत्यापन के बाद इनके नाम काटे जा रहे हैं। प्रदेश में हजारों सरकारी कर्मचारियों के नाम भी सूची में शामिल हैं। इनको क्रमबद्ध तरीके से हटाने में जिला प्रशासन की टीम लगी हुई है। हनुमानगढ़ जिले में लॉकडाउन के बाद से अब तक सरकारी कर्मचारियों के १३८३ राशन कार्ड को निरस्त किया गया है। गेहूं उठाने की एवज में इन कर्मचारियों से २७ रुपए प्रति क्ंिवटल के हिसाब से ५६ लाख ५४ हजार रुपए की वसूली भी कर ली गई है। लेकिन पात्र लोगों के एक भी नाम नहीं जोड़े गए हैं।
-हनुमानगढ़ जिले में खाद्य सुरक्षा सूची में ०२ लाख ६४ हजार परिवार शामिल हैं।
-जिले में कुल ०५ लाख २० हजार परिवारों के राशन कार्ड बने हुए हैं।
-हनुमानगढ़ जिले में ६८१ राशन डिपो संचालित हो रहे हैं।
-पीएम गरीब कल्याण योजना में जिले को करीब ५००० एमटी गेहूं का विशेष आवंटन किया गया।
-जिले में अब तक सरकारी कर्मचारियों के १३८३ राशन कार्ड को निरस्त किया गया है।
– जिले में इन कर्मचारियों से २७ रुपए प्रति क्ंिवटल के हिसाब से ५६ लाख ५४ हजार रुपए की वसूली की गई है।
नहीं जोड़ रहे नाम
लॉकडाउन के कारण कई लोग बेरोजगार हो गए हैं। इन लोगों का नाम खाद्य सुरक्षा सूची में जुड़वाने को लेकर हम जब डीएसओ के पास जाते हैं तो वह पोर्टल बंद होने की बात कहकर नाम जोडऩे में असमर्थता जता रहे हैं। पोर्टल बंद होने के कारण नाम जुड़वाने को लेकर सैंकड़ों आवेदन लंबित हैं।
-प्रदीप ऐरी, पार्षद, वार्ड नंबर २३ हनुमानगढ़
खुंजा क्षेत्र में तीन वार्ड हैं। यहां कोरोना काल में काफी लोगों के सामने दिहाड़ी-मजदूरी का संकट आ गया है। क्षेत्र के करीब पांच सौ लोगों ने खाद्य सुरक्षा सूची में नाम जुड़वाने को लेकर आवेदन कर रखा है। लेकिन एक का भी नाम नहीं जुड़ा है।
-मनोज बड़सीवाल, नागरिक, हनुमानगढ़
खाद्य सुरक्षा का पोर्टल राज्य स्तर पर बंद किया गया है। जिले में कई लोग नाम जुड़वाने के लिए आवेदन आ रहे हैं, लेकिन पोर्टल बंद होने के कारण उनके नाम नहीं जुड़ पा रहे।
-जाकिर हुसैन, कलक्टर हनुमानगढ़