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पराली जलाने पर लगेगा जुर्माना, जिले में बने ब्लॉक स्तरीय निगरानी दल

हनुमानगढ़. जिले में धान की पराली या अन्य फसल अवशेष को जलाकर वातावरण में धुआं फैलाने वाले किसानों पर कार्रवाई की जाएगी।

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हनुमानगढ़: खेत में पराली जलाते किसान।

हनुमानगढ़: खेत में पराली जलाते किसान।

-वायु प्रदूषण पर सख्ती, जिला कलक्टर ने दिए आदेश
— पराली जलाने पर 30 हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान
हनुमानगढ़. जिले में धान की पराली या अन्य फसल अवशेष को जलाकर वातावरण में धुआं फैलाने वाले किसानों पर कार्रवाई की जाएगी। जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डॉ. खुशाल यादव ने आदेश जारी करते हुए प्रत्येक ब्लॉक में उपखंड अधिकारी की अध्यक्षता में ब्लॉक स्तरीय पराली सुरक्षा दल गठित करने के निर्देश दिए हैं। इन दलों द्वारा पराली जलाने की घटनाओं पर सतर्क निगरानी रखी जाएगी। दोषी किसानों से जुर्माना वसूल कर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। ब्लॉक स्तरीय दल में उपखंड अधिकारी नोडल अधिकारी होंगे। जबकि उनके साथ उप पुलिस अधीक्षक, बीडीओ, तहसीलदार और कृषि विभाग के सहायक कृषि अधिकारी/सहायक निदेशक (कृषि विस्तार) को शामिल किया गया है। ग्राम स्तरीय टीम में ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी और कृषि पर्यवेक्षक संयुक्त रूप से कार्य करेंगे। संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) डॉ. प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि उत्तर एवं मध्य भारत में हर वर्ष अक्टूबर-नवंबर में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। जिससे वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ता है। 2015 में एनजीटी ने पराली जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था। किसानों को सलाह दी गई है कि वे कस्टम हायरिंग सेंटरों पर उपलब्ध बेलर आदि मशीनों का उपयोग कर फसल अवशेष प्रबंधन करें।

जमीन के आधार पर तय होगा जुर्माना
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के राज्यों में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों तथा भारत सरकार के "पराली जलाने पर पर्यावरणीय प्रतिकर नियम, 2023 (संशोधन 6 नवम्बर, 2024) के तहत दोषी किसानों पर जुर्माना लगाया जाएगा। 2 एकड़ से कम भूमि पर पराली जलाने पर 5,000, 2 से 5 एकड़ तक भूमि पर 10,000, 5 एकड़ से अधिक भूमि पर 30,000 रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा।

ऐसे होगी जुर्माने की वसूली
कृषि संयुक्त निदेशक द्वारा सेटेलाइट आधारित फसल अवशेष जलाने की लोकेशन (अक्षांश-देशांतर) का भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट जिला कलक्टर को भेजी जाएगी। इसके उपरांत जिला कलक्टर द्वारा राजस्व अधिकारियों के माध्यम से इंवायरमेंटल कम्पनसेटरी चार्ज (ईसीसी) की वसूली करवाई जाएगी। जिले में अब तक पांच किसानों से ईसीसी की वसूली की जा चुकी है, जो पराली जलाने के दोषी पाए गए।