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बाजार से सरस घी गायब, ढूंढऩ़े पर भी नहीं मिल रहा

हनुमानगढ़. इन दिनों हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर जिले में सरस की भारी किल्लत देखने को मिल रही है। यूं कहें स्थानीय बाजार से सीधे तौर पर सरस घी गायब हो गया है।

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गंगमूल डेयरी हनुमानगढ़।

गंगमूल डेयरी हनुमानगढ़।

-दूध की कमी से जूझ रहा डेयरी उद्योग, इस बार दिवाली के तत्काल बाद सावे अच्छे रहने से दूध उत्पादों की मांग बढ़ी
-हनुमानगढ़ गंगमूल डेयरी की इस समय मांग करीब तीन लाख लीटर दूध की, आ रहा केवल एक लाख 40 हजार लीटर प्रतिदिन
हनुमानगढ़. इन दिनों हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर जिले में सरस की भारी किल्लत देखने को मिल रही है। यूं कहें स्थानीय बाजार से सीधे तौर पर सरस घी गायब हो गया है। स्थिति यह है कि बाजार में लोग पैसे लेकर सरस बूथों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन कहीं भी उन्हें सरस घी नहीं मिल रहा है। लोगों का कहना है कि कुछ वितरिक ऐसे हैं, जिनके पास पुराना स्टॉक पड़ा है। लेकिन वह उपभोक्ता को अधिक रेट पर दे रहे हैं।
जानकारी के अनुसार जीएसटी घटने के बाद सरस घी के दाम उतने नहीं बढ़े, जितने प्राइवेट डेयरी ने बढ़ाए हैं। इससे सरस घी की मांग बाजार में ज्यादा बढ़ रही है। इसके अलावा गुणवत्ता के लिहाज से भी लोग सरस उत्पाद को पसंद करते हैं। शादी-ब्याह का सीजन चलने से बाजार में इसकी किल्लत हो रही है।
हालांकि जयपुर डेयरी से आपूर्ति करवाकर किल्लत को कुछ दूर करने के प्रयास में स्थानीय डेयरी अधिकारी जुटे हुए हैं। डेयरी अधिकारियों के अनुसार 15 किलो सरस घी का रेट 9045 रुपए निर्धारित है। जबकि प्राइवेट डेयरी के इतने ही किलो का घी दस हजार रुपए में मिल रहा है। ऐसे में गुणवत्ता और दाम दोनों के लिहाज से सरस उत्पाद लोगों को ज्यादा भा रहे हैं। लेेकिन डेयरी प्रबंधन मांग की पूर्ति करने में विफल हो रहा है।

इतनी है मांग
हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर जिले के हजारों पशुपालक गंगमूल डेयरी हनुमानगढ़ को दूध देते हैं। इस समय हनुमानगढ़ डेयरी में करीब एक लाख 40 हजार लीटर दूध आ रहा है। जबकि मांग के अनुसार डेयरी को तीन लाख लीटर दूध की जरूरत है। मांग के अनुसार डेयरी में दूध नहीं आने की वजह से दूध उत्पादों की बाजार में किल्लत आ रही है। स्थानीय डेयरी में 3000 से 4000 लीटर प्रतिदिन घी बनाने की क्षमता है।

त्योहार के तत्काल बाद सावे
बताया जा रहा है कि हर बार दिवाली के दौरान बाजार में दूध उत्पादों की मांग बढ़ जाती है। जितना भी स्टॉक होता है, वह खत्म हो जाता है। इस बार दिवाली के तत्काल बाद सावों का सीजन शुरू हो गया। इसलिए किल्लत ज्यादा बढ़ गई है। इस समय गंगमूल डेयरी पशुपालकों को फैट के हिसाब से 35 से 70 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से दूध के रेट दे रहा है।

अगले महीने स्थिति सामान्य होने की उम्मीद
हम पशुपालकों को दूध के रेट भी अच्छा दे रहे हैं। लेकिन गांवों व शहरों में सावे की वजह से डेयरी को पूरा दूध नहीं मिल पा रहा है। बाजार में मांग अधिक है, जबकि आपूर्ति उतनी नहीं हो पा रही है। जयपुर सहित दूसरी डेयरी से समन्वय करके यथासंभव पूर्ति करवाने का प्रयास कर रहे हैं। सावे खत्म होने के बाद पंद्रह दिसम्बर से सबकुछ सामान्य होने की उम्मीद है।
-उग्रसैन सहारण, एमडी, गंगमूल डेयरी हनुमानगढ़।