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गांवों में तैयार किए खेल मैदान, ताकि मैदान से निकलें खेल के महारथी

हनुमानगढ़. युवाओं में खेल कौशल का विकास करने की सोच के साथ गांवों में खेल मैदान तैयार किए गए हैं। गांवों से मैदान के महारथी निकलें, इस सोच के साथ जिले की 116 गांवों में खेल मैदान व ओपन जिम बनाने का काम पूर्ण हो गया है।

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हनुमानगढ़: गांव में खेल मैदान में खेलते खिलाड़ी।

हनुमानगढ़: गांव में खेल मैदान में खेलते खिलाड़ी।

-जिले के 116 ग्राम पंचायतों में खेल मैदान व ओपन जिम तैयार होने से युवाओं को मिलेगा लाभ
-विद्यार्थियों को मोबाइल स्क्रीन से दूर करने तथा खेल की तरफ रुझान बढ़ाने की दिशा में सरकार ने बढ़ाया कदम
हनुमानगढ़. युवाओं में खेल कौशल का विकास करने की सोच के साथ गांवों में खेल मैदान तैयार किए गए हैं। गांवों से मैदान के महारथी निकलें, इस सोच के साथ जिले की 116 गांवों में खेल मैदान व ओपन जिम बनाने का काम पूर्ण हो गया है। जिला परिषद अधिकारियों के अनुसार युवाओं की भाग-दौड़ भरी जीवन शैली में शिक्षा के साथ-साथ खेल भी जरूरी है। ग्रामीण क्षेत्र के खेल मैदान युवाओं के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास के लिए महत्तवपूर्ण हैं। जो स्वस्थ आदतों को बढ़ाने, आत्मविश्वास बढ़ाने, रचनात्मकता विकसित करने के साथ-साथ नेतृत्व एवं टीम भावना को विकसित करने में वरदान साबित हो रहे हैं।
इसके अलावा युवाओं का खाली समय खेलों में व्यतीत होने पर नशे और मोबाइल स्क्रीन समय कम होता है। ग्रामीण क्षेत्र में खिलाडिय़ों की अभिरुचि को दखते हुए ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं के सहयोग से इन खेल मैदानों का विकास किया गया है। जिले में युवाओं को खेलों से जोडऩे के लिए बजट घोषणा-2025 के तहत 5000 से अधिक आबादी वाली 116 ग्राम पंचायतों ओपन जिम व खेल मैदान विकसित करने का लक्ष्य था। जिसमें से सभी 116 ग्राम पंचायतों में ओपन जिम विकसित हो चुके हैं। जिले की 116 ग्राम पंचायतों में से 80 ग्राम पंचायतों में खेल मैदान बन कर तैयार हैं। यह युवाओं के जीवनशैली को बदलने में काफी अहम साबित होंगे।

यहां काम पूरा
जिले में जहां खेल मैदान तैयार करवा दिए गए हैं, उनमें ग्राम पंचायत खाराखेड़ा, मिर्जावाली मेर, पीरकामडिय़ा, दुलमाना, डबलीबास मिढ़ारोही, अजीतपुरा, नेठराना, कलाना, झांसल, बोलांवाली, ढ़ाबां, मानकसर, नाथवाना, सोनड़ी, चक सरदारपुरा, देईदास, फेफाना, मलवानी, चैहिलांवाली, रामसरा नारायण, रणजीतपुरा, श्रीनगर, 4डीडब्ल्यूएम, बरमसर, गंधेली, पोहडक़ा, न्योलखी शामिल हैं। शेष ग्राम पंचायतों में खेल मैदान विकास कार्य प्रगतिरत हैं। जो इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण होने की उम्मीद है।

हो रहा खेल भावना का विकास
जहां खेल मैदान विकसित हो चुके हैं, उन गांवों में बच्चों, युवाओं की खेल गतिविधियों में भागीदारी बढऩे के साथ-साथ पंजीकरण बढ़ा है। युवाओं की ऊर्जा खेलों की तरफ मोडऩे में कारगर साबित हो रहे हंै। इन खेल मैदानों के कारण बच्चों में खेल भावना विकसित हो रही है। सुबह-शाम खेलों में समय व्यतीत करने लेगे हैं। खेलों में भविष्य तलाशने की ललक पैदा हुई है। जो नशे से दूरी बनाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।

ऊर्जा का सही दिशा में हो उपयोग
हमें बच्चों पर निगरानी रखने व सही दिशा दिखाने की जरूरत है। इस दिशा में खेल मैदान काफी अहम साबित हो रहे हैं। युवाओं का समय मैदानों में अधिक गुजर रहा है। जो अच्छे भविष्य का संकेत है। बच्चों व युवाओं को बेहतर शिक्षा, खेलकूद व अन्य गतिविधियों (आर्टस, फोटोग्राफी, डिजाइनिंग, सिंगिग, डांस, ड्रामा इत्यादि) में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। इससे वह अपनी ऊर्जा का सही दिशा मे उपयोग कर सकेंगे।
-ओपी बिश्नोई, सीईओ, जिला परिषद हनुमानगढ़।