हनुमानगढ़. रबी सीजन में इंदिरागांधी नहर का रेग्यूलेशन निर्धारित करने को लेकर मंगलवार को जल परामर्शदात्री समिति की अहम बैठक हुई। जंक्शन स्थित विभागीय सभागार में हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभाग के मुख्य अभियंता विनोद मित्तल ने रेग्यूलेशन का एजेंडा विधायकों व अन्य समिति सदस्यों के समक्ष रखा। इसमें उपलब्ध पानी के हिसाब से २२ सितम्बर २०२१ से दो जनवरी २०२२ तक इंदिरागांधी नहर को चार में एक समूह में बांटकर ६४०० क्यूसेक पानी चलाने की बात कही। विभाग की ओर से प्रस्तावित उक्त रेग्यूलेशन का भाजपा विधायकों ने एक स्वर में विरोध किया और तीन में एक समूह का रेग्यूलेशन तैयार कर नहरों को चलाने की मांग की। वहीं मुख्य अभियंता लगातार बांध में कम पानी का हवाला देते हुए इससे इनकार करते रहे। इस दौरान कुछ किसान प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल होने पहुुंचे तो मुख्य अभियंता की ओर से उन्हें रोकने पर चार विधायकों ने विरोध स्वरूप अपनी-अपनी कुर्सी छोड़कर जमीन पर ही आसन जमा लिया। बैठक में मौजूद किसान लगातार चीफ इंजीनियर के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। इस घटनाक्रम के बीच मुख्य अभियंता मित्तल कुर्सी पर बैठे रहे तो किसान प्रतिनिधियों ने उन्हें प्रोटोकोल भी समझाने की कोशिश की। खफा भाजपा समर्थित विधायकों ने बैठक के बहिष्कार की घोषणा करते हुए २९ सितम्बर को विजयनगर में एसडीएम कार्यालय का घेराव करने की चेतावनी दी। अनूपगढ़ विधायक संतोष बावरी ने कहा कि विभाग ने जो रेग्यूलेशन तैयार किया है, उससे किसान की न तो बिजाई होगी और न ही पकाई होगी। फिर ऐसे रेग्यूलेशन का औचित्य क्या है। किसान नेता विनोद धारणियां ने कहा कि चार में एक समूह के रेग्यूलेशन से किसानों को नुकसान होगा। क्योंकि बिजाई भी ठीक से नहीं हो सकेगी। हालात ऐसे हैं कि डीजल के रेट १०५ रुपए हो रहे हैं। बीज के रेट भी बढ़ रहे हैं। पानी के बिना बिजाई खराब होगी। किसानों ने मुख्य अभियंता पर इंदिरागांधी नहर को पेयजल नहर बनाने का आरोप लगाया। खाजूवाला विधायक गोविंद मेघवाल, नोहर विधायक अमित चाचाण, पीलीबंगा विधायक धर्मेंद्र मोची, संगरिया विधायक गुरदीप सिंह शाहपीनी, आदि मौजूद रहे। इंदिरागांधी नहर से प्रदेश के दस जिलों में जलापूर्ति होती है।
चुप्पी टूटी तो बोले, धरना-प्रदर्शन के बाद नहीं आ जाए पानी
बैठक में सत्ता पक्ष के विधायक गोविंद राम मेघवाल ने ज्यादातर समय चुप्पी साधे रखी। कई देर बाद विधायक गोविंदराम मेघवाल की चुप्पी टूटी तो उन्होंने चीफ इंजीनियर से कहा कि किसानों की बात को आप समझने की कोशिश करो। मेघवाल ने दो टूक में कहा, धरना प्रदर्शन के बाद कहीं पानी नहीं आ जाए, इसका ध्यान रखना।
अब जैसलमेर में होगी बैठक
मुख्य अभियंता विनोद मित्तल ने बताया कि हनुमानगढ़ में बैठक हो गई है। अब २३ सितम्बर को जैसलमेर में फेज द्वितीय की बैठक होनी है। इसके बाद संयुक्त रूप से रेग्यूलेशन तैयार कर मंजूर के लिए सिंचित क्षेत्र आयुक्त को भिजवाया जाएगा।
इतना शेयर आवंटित
२२ सितम्बर २०२१ से दो जनवरी २०२२ तक इंदिरागांधी नहर को चार में एक समूह में सिंचाई पानी चलाने तथा इसके बाद २० मई २०२२ तक पेयजल चलाने पर ९८२८०० क्यूसेक पानी की जरूरत पड़ेगी। जबकि बीबीएमबी की ओर से इस बार राजस्थान का शेयर ९३९५८४ क्यूसेक ही निर्धारित हुआ है। इस तरह विभाग के वर्तमान रेग्यूलेशन को लागू करने पर भी ४३२१६ क्यूसेक पानी की कमी रहेगी। अगर मावठ ठीक जाएगी तभी किसानों को राहत मिल सकती है।