scriptगत वर्ष हुई डिमांड राशि जमा, मगर सामान की कमी का हवाला देकर जोधुपर डिस्कॉम के अभियंता बरत रहे ढिलाई | Demand amount deposited last year, but citing shortage of goods, the e | Patrika News

गत वर्ष हुई डिमांड राशि जमा, मगर सामान की कमी का हवाला देकर जोधुपर डिस्कॉम के अभियंता बरत रहे ढिलाई

locationहनुमानगढ़Published: Sep 27, 2021 09:48:16 pm

Submitted by:

Manoj

अन्नदाता की पुकार : वर्ष 2012 के बाकी पड़े है पल्लू क्षेत्र में 298 कृषि कनेक्शन
गत वर्ष हुई डिमांड राशि जमा, मगर सामान की कमी का हवाला देकर जोधुपर डिस्कॉम के अभियंता बरत रहे ढिलाई
१० अक्टूबर तक मिले कृषि कनेक्शन तो हो रबी की बुआई

गत वर्ष हुई डिमांड राशि जमा, मगर सामान की कमी का हवाला देकर जोधुपर डिस्कॉम के अभियंता बरत रहे ढिलाई

गत वर्ष हुई डिमांड राशि जमा, मगर सामान की कमी का हवाला देकर जोधुपर डिस्कॉम के अभियंता बरत रहे ढिलाई

पल्लू (हनुमानगढ़). उपतहसील के सैंकड़ों किसानों की अपने खेतों को हरा-भरा बनाने का सपना संजोकर विद्युत निगम से सामान्य श्रेणी के कृषि कनैक्शन प्राप्त करने के लिए वर्ष २०१२ में लगाई गई फाईलें अभी तक ठंडे बस्तें में पड़ी हैं। कृषि कनैक्शनों की आस में दिन पर दिन बीतते गए मगर अभी भी आस अधूरी ही है। जिन किसानों के कृषि कनेक्शन हो चुके हैं उनकी रंगत देखकर वंचित किसान अपने आप को कोस रहे हैं। करीब नौ साल बीत जाने के बाद भी किसान विद्युत निगम के चक्कर लगा रहे है।
मगर निगम के अभियंता और कर्मचारी पर्याप्त सामान नहीं होने का कहकर किसानों को टरका रहे हैं। ऐसे में किसानों को जनप्रतिनिधियों से एकमात्र आस बची है, उसे लेकर किसान स्थानीय विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के पास पहुंचते हैं कि उनके कनैक्शन करवा दो ताकि रबी की फसल तो वो बुआई कर सकें।
वर्ष २०१२ तक लगाई गई सामान्य कृषि फाईलों के सरकार ने २०२० के अंतिम दिनों में डिमांड नोटिस निकालकर संबधित किसानों से राशि जमा करवा ली थी। जिसके बाद एक-दो माह में कृषि कनेक्शन होने की उम्मीद किसानों की दिखाई देने लगी, मगर एक वर्ष के करीब बीत जाने के बाद भी किसानों के अभी तक विभागीय ढिलाई के कारण कनेक्शन नहीं हो सके हैं।
खरीफ तो गई रबी तो बिजवा दो
वर्ष २०२० के दिसंबर माह में जारी डिमांड नोटिस को किसानों ने जमा करवा दिया उसके बाद किसानों को खरीफ फसलों की बुआई की उम्मीद जगी मगर निगम के पास पर्याप्त सामान ना होने का कहकर कनेक्शनों में देरी होने लगी। इस पर खरीफ २०२१ की बुआई से सैंकड़ों किसान वंचित रह गये। इसके बाद रबी की फसलों की आस लिये किसानों ने निगम के अभियंताओं को कनेक्शन करवाने के लिए बोला, मगर वही कमी सामान ना होने की जस की तस पड़ी है। प्रभावित किसान अमर सिंह व भगवाना राम ने बताया कि लाखों रूपये का कर्ज लेकर पहले तो डिमांड राशि भरी, उसके बाद बोरवेल व सिंचाई यंत्र लेकर आये। उसके बाद भी खरीफ की बुआई नहीं हो सकी। अब नोहर विधायक अमित चाचाण ने आश्वासन दिया है कि रबी की फसल बुआई से पहले कनेक्शन चालू करवा दिए जाएंगे।
पहले करवा लिए बोरवेल अब ब्लॉकेज का भय
पल्लू क्षेत्र में वर्ष २०१२ तक किसानों की सामान्य कृषि कनेक्शनों की १६० किसानों ने फाईलें लगाई गई थी। जिसके बाद निगम ने प्राथमिकता के आधार पर करीब नौ वर्ष बाद दिसम्बर २०२० में डिमांड राशि जमा करवाई। किसानों ने अपने खेतों में बोरवेल की खुदाई करवा ली एवं सिंचाई के संयंत्र आदि खरीद लिए, इस आस में की कनेक्शन शीघ्र हो जाएंगे। एक किसान के औसतन लागत ५ से ६ लाख रूपये तक आई। गरीब किसानों ने यह राशि किसी साहुकार से कर्ज पर लेकर कनेक्शन शुरू होने तक ब्याज पर लेकर जुगाड़ किया था। जिस पर विद्युत निगम के अभियंताओं ढिलाई का कर्ज किसानों को दिनों दिन डुबाने में जुटा हुआ है। खास बात ये है कि बोरवेल खुदाई के तुरंत बाद शुरू करना होता है नहीं तो ट्युबवैल के लिए किए गए बोर में लीकेज एवं ब्लॉकेज होने की संभावना बढ़ जाती है। इससे भी किसान चिंता में है। अगर ऐसी नौबत आई तो किसानों को पुन: बोरवेल कराना होगा।
जनप्रतिनिधियों का सहारा
पल्लू स्थित विद्युत निगम के सहायक अभियंता कार्यालय के चक्कर लगाने के बाद थके हारे किसानों ने अब जनप्रतिनिधियों की शरण ली है। इसी कड़ी में पिछले दिनों नोहर के पूर्व विधायक अभिषेक मटोरिया की अगुवाई में किसानों उप तहसील कार्यालय के आगे एक किसान सभा रखी थी। जिसमें निगम के अधिकारियों ने १० अक्टूबर से पहले ८० प्रतिशत कनेक्शन करवाने की बात कही थी लेकिन हालात अभी तक जस के तस हैं।
सामान की सूची ऊपर भेजी
नोहर विधायक अमित चाचाण के अनुसार पल्लू क्षेत्र में सैंकड़ों कृषि कनेक्शन बाकि हैं। इस पर विद्युत निगम का कहना है कि कृषि कनेक्शनों के लिए पल्लू में पर्याप्त सामान उपलब्ध नहीं हो रहा है। ऐसे में देरी हो रही है। निगम से जरूरी सामान की सूची मांगकर उच्च स्तर पर भेजकर सामान शीघ्र उपलब्ध कराने की मांग की है। उम्मीद है कि रबी की फसलों की बुआई से पहले कृषि कनेक्शन कर दिए जाएंगे। इसके लिए वह स्वयं प्रयासरत हैं।
अभी यह है स्थिति
वर्ष २०२१ तक डिमांड राशी भर चुके किसानों के कृषि कनेक्शनों की संख्या ४४३ थी। जिनमें से बूंद-बूंद सिंचाई पद्धती के २०७, सामान्य के १६०, अनुसुचित जाति के ७६ कृषि कनेक्शन के डिमांड जमा हुए थे। इसमें बूंद-बूंद सिंचाई के १४७ कृषि कनेक्शन, सामान्य के १०८ तथा अनुसुचित जाति के ४३ वर्तमान में बाकी है। इस प्रकार अभी तक २९८ किसान रबी की फसल बुआई की आस में निगम कार्यालय के चक्कर काट रहे है। और सरकार से शिघ्र कनेक्शन दिलवाकर उनकी मदद करने की मांग कर रहे है।
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