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ऐसे हालात में आमदनी कैसे होगी दोगुनी, मंडियों में धान की आवक शुरू मगर अभी तक सरकारी खरीद को लेकर स्थिति साफ नहीं

locationहनुमानगढ़Published: Sep 18, 2020 08:04:53 am

Submitted by:

Purushottam Jha

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हनुमानगढ़. इन दिनों क्षेत्र में धान की कटाई में तेजी आ गई है। मंडी में बिकने के लिए फसल आने लगी है। हालात ऐसे हैं कि महीनों तक खेतों में अच्छी फसल होने की उम्मीद लगाए बैठे किसानों को इन दिनों औने-पौने दाम पर धान की फसल बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है।
 

ऐसे हालात में आमदनी कैसे होगी दोगुनी, मंडियों में धान की आवक शुरू मगर अभी तक सरकारी खरीद को लेकर स्थिति साफ नहीं

ऐसे हालात में आमदनी कैसे होगी दोगुनी, मंडियों में धान की आवक शुरू मगर अभी तक सरकारी खरीद को लेकर स्थिति साफ नहीं

ऐसे हालात में आमदनी कैसे होगी दोगुनी, मंडियों में धान की आवक शुरू मगर अभी तक सरकारी खरीद को लेकर स्थिति साफ नहीं
हनुमानगढ़. इन दिनों क्षेत्र में धान की कटाई में तेजी आ गई है। मंडी में बिकने के लिए फसल आने लगी है। हालात ऐसे हैं कि महीनों तक खेतों में अच्छी फसल होने की उम्मीद लगाए बैठे किसानों को इन दिनों औने-पौने दाम पर धान की फसल बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि क्षेत्र में इस समय किसानों को परमल धान (पीआर)सोलह सौ रुपए प्रति क्विंटल के भाव बेचने पड़ रहे हैं।
परंतु सरकरी तंत्र किसानों को राहत दिलाने के लिए कोई ठोस प्रयास करता हुआ नजर नहीं आ रहा। अगर जिले में धान की सरकारी खरीद भी शुरू हो जाए तो किसानों को वर्तमान भाव की तुलना में करीब दो सौ रुपए प्रति क्विंटल का लाभ मिलने लगेगा। चालू खरीफ सीजन में पीआर वैरायटी के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य १८८८ रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित है। लेकिन बाजार में इस समय इसके भाव १६०० से १७०० रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से लग रहे हैं। इस तरह समर्थन मूल्य पर भी मंडियों में धान की खरीद होगी तो किसानों को बहुत हद तक राहत मिलेगी।
बहुत कम भाव
एफसीआई अधिकारियों के अनुसार वर्ष २००५ व २००६ तक जिले में धान की सरकारी खरीद होती रही है। लेकिन इसके बाद बाजार भाव अधिक होने के कारण सरकारी खरीद नहीं की गई। परंतु इस बार जिस तरह से धान के भाव नीचे गिर रहे हैं, उससे सरकारी खरीद जरूरी हो गई है। जिम्मेदार अधिकारियों को गंभीर होकर धान की सरकारी खरीद शुरू करवाने के प्रयास करने चाहिए।
मौसम का रहा साथ
क्षेत्र में इस बार धान उत्पादन के मामले में मौसम ने किसानों का खूब साथ निभाया है। पीआर वैरायटी के धान का उत्पादन प्रति बीघा 21 क्विंटल तक हुआ है। लेकिन बाजार भाव १६०० से १७०० के बीच होने से किसानों को उतनी आय नहीं हो रही, जिसकी उम्मीद उन्होंने लगा रखी थी। इस सीजन जिले में करीब ३६००० हेक्टेयर में धान की बिजाई की गई है। घग्घर नदी में समय पर पानी की आवक होने से धान की काफी अच्छी पैदावार होने की बात किसान कह रहे हैं।
आवक पर नजर
जिले की हनुमानगढ़ जंक्शन, टाउन व डबलीराठान मंडी में गत वर्ष नौ लाख ५९ हजार क्विंटल धान की आवक हुई थी। इसमें परमल यानी पीआर वैरायटी ग्रेड ए धान के भाव १५५२ से १९४१ रुपए प्रति क्विंटल तक रहे। जबकि औसत भाव १८५० रुपए प्रति क्ंिवटल तक रहा।
वर्ष समर्थन मूल्य
२०१६-१७ १५१०
२०१७-१८ १५९०
२०१८-१९ १७७०
२०१९-२० १८३५
२०२०-२१ १८८८
(नोट: उक्त आंकड़े हनुमानगढ़ में पीआर धान के निर्धारित समर्थन मूल्य के हैं। समर्थन मूल्य के भाव को प्रति क्विंटल के हिसाब से समझें।)


किसानों ने रखी मांग
किसानों ने इस बार धान की सरकारी खरीद शुरू करवाने की मांग की है। किसान संगठनों की इस मांग से कलक्टर को अवगत करवा दिया है। सरकार स्तर पर जो निर्देश मिलेंगे, उसकी पालना करवाने का प्रयास रहेगा। मंडी में इस समय धान की आवक शुरू हो गई है। पीआर वैरायटी के धान इस समय १७०० रुपए प्रति क्विंटल के भाव बिक रहे हैं।
-सीएल वर्मा, सचिव, मंडी समिति हनुमानगढ़
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