एफसीआई अधिकारियों के अनुसार वर्ष २००५ व २००६ तक जिले में धान की सरकारी खरीद होती रही है। लेकिन इसके बाद बाजार भाव अधिक होने के कारण सरकारी खरीद नहीं की गई। परंतु इस बार जिस तरह से धान के भाव नीचे गिर रहे हैं, उससे सरकारी खरीद जरूरी हो गई है। जिम्मेदार अधिकारियों को गंभीर होकर धान की सरकारी खरीद शुरू करवाने के प्रयास करने चाहिए।
मौसम का रहा साथ
क्षेत्र में इस बार धान उत्पादन के मामले में मौसम ने किसानों का खूब साथ निभाया है। पीआर वैरायटी के धान का उत्पादन प्रति बीघा 21 क्विंटल तक हुआ है। लेकिन बाजार भाव १६०० से १७०० के बीच होने से किसानों को उतनी आय नहीं हो रही, जिसकी उम्मीद उन्होंने लगा रखी थी। इस सीजन जिले में करीब ३६००० हेक्टेयर में धान की बिजाई की गई है। घग्घर नदी में समय पर पानी की आवक होने से धान की काफी अच्छी पैदावार होने की बात किसान कह रहे हैं।
जिले की हनुमानगढ़ जंक्शन, टाउन व डबलीराठान मंडी में गत वर्ष नौ लाख ५९ हजार क्विंटल धान की आवक हुई थी। इसमें परमल यानी पीआर वैरायटी ग्रेड ए धान के भाव १५५२ से १९४१ रुपए प्रति क्विंटल तक रहे। जबकि औसत भाव १८५० रुपए प्रति क्ंिवटल तक रहा।
२०१६-१७ १५१०
२०१७-१८ १५९०
२०१८-१९ १७७०
२०१९-२० १८३५
२०२०-२१ १८८८
(नोट: उक्त आंकड़े हनुमानगढ़ में पीआर धान के निर्धारित समर्थन मूल्य के हैं। समर्थन मूल्य के भाव को प्रति क्विंटल के हिसाब से समझें।)
किसानों ने रखी मांग
किसानों ने इस बार धान की सरकारी खरीद शुरू करवाने की मांग की है। किसान संगठनों की इस मांग से कलक्टर को अवगत करवा दिया है। सरकार स्तर पर जो निर्देश मिलेंगे, उसकी पालना करवाने का प्रयास रहेगा। मंडी में इस समय धान की आवक शुरू हो गई है। पीआर वैरायटी के धान इस समय १७०० रुपए प्रति क्विंटल के भाव बिक रहे हैं।
-सीएल वर्मा, सचिव, मंडी समिति हनुमानगढ़