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पीएचसी की पर्ची से सीएचसी में हो सकेगी जांच, मिल सकेगी दवा

locationहनुमानगढ़Published: Nov 23, 2020 10:47:27 am

Submitted by:

adrish khan

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हनुमानगढ़. किसी सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क दवा या जांच की पर्याप्त सुविधा का अभाव होने पर अब रोगियों को अन्य सरकारी अस्पताल जाकर दोबारा पंजीयन पर्ची लेने की जरूरत नहीं होगी। वे उसी पंजीयन पर्ची पर लिखी गई दवा दूसरे सरकारी चिकित्सालय से ले सकते हैं तथा लिखी गई जांच भी वहां करवा सकते हैं।

पीएचसी की पर्ची से सीएचसी में हो सकेगी जांच, मिल सकेगी दवा

पीएचसी की पर्ची से सीएचसी में हो सकेगी जांच, मिल सकेगी दवा

पीएचसी की पर्ची से सीएचसी में हो सकेगी जांच, मिल सकेगी दवा
– नि:शुल्क दवा व जांच की सुविधा ना होने पर उसी पंजीकरण पर्ची के आधार पर अन्य सरकारी अस्पताल में मिल सकेगी सेवा
– रोगी को दोबारा पंजीयन शुल्क देकर नहीं पर्ची लेने की नहीं जरूरत
हनुमानगढ़. किसी सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क दवा या जांच की पर्याप्त सुविधा का अभाव होने पर अब रोगियों को अन्य सरकारी अस्पताल जाकर दोबारा पंजीयन पर्ची लेने की जरूरत नहीं होगी। वे उसी पंजीयन पर्ची पर लिखी गई दवा दूसरे सरकारी चिकित्सालय से ले सकते हैं तथा लिखी गई जांच भी वहां करवा सकते हैं। मतलब यह है कि किसी पीएचसी या सीएचसी में नि:शुल्क दवा-जांच की सुविधा नहीं होने पर वहां की पंजीयन पर्ची के आधार पर नजदीक के दूसरे पीएचसी, सीएचसी व अन्य सरकारी अस्पताल में जांच करवा सकते हैं तथा दवा ले सकते हैं।
खास बात यह कि इस तरह की सुविधा ना केवल जिले के ही किसी सरकारी अस्पताल में बल्कि प्रदेश के भी अन्य सरकारी अस्पताल में प्राप्त की जा सकती है। इस संबंध में हाल ही चिकित्सा शासन सचिव ने आदेश जारी कर यह व्यवस्था लागू कर रोगियों को लाभ देने को कहा है। हालांकि इस व्यवस्था को लागू करने को लेकर कुछ मापदंड भी बनाए गए हैं ताकि किसी तरह की कोई परेशानी संबंधित सरकारी चिकित्सालय प्रबंधन को नहीं आए। निर्धारित मापदंडों की पालना करते हुए ही रोगियों को इस व्यवस्था का लाभ मिल सकेगा।
इस स्थिति में लाभ
जानकारी के अनुसार अगर चिकित्सक की लिखी व मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा तथा जांच योजना में शामिल दवा/जांच का लाभ किसी रोगी को सरकारी अस्पताल में नहीं मिल पाता है तो वह उसी पर्ची के आधार पर नजदीक के अन्य सरकारी अस्पताल में लाभान्वित हो सकता है। रोगी को दोबारा वहां कतार में लगकर व शुल्क देकर पंजीयन पर्ची प्राप्त करने की जरूरत नहीं होगी।
अपनाएंगे यह मापदंड
इस नई व्यवस्था को लागू करने को लेकर कुछ मापदंड भी अपनाने होंगे। इसकी नियमित निगरानी के लिए सरकारी चिकित्सालय की ओर से दूसरे सरकारी अस्पताल से आने वाले रोगियों के पंजीयन संख्या, उनकी जांच तथा बांटी गई दवा का अलग से ई-औषधि सॉफ्टवेयर में इंद्राज करना होगा। इसके अलावा पंजीयन पर्ची पर राजकीय चिकित्सक का नाम, हस्ताक्षर तथा अस्पताल की मोहर लगी होनी चाहिए। पुरानी पंजीयन पर्ची के आधार पर अन्य चिकित्सालय में सेवाओं का लाभ नहीं मिल सकेगा।
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