रोजगार की चाह में व्यावसायिक शिक्षा में बढ़ रही रूचि
हनुमानगढ़Published: Aug 31, 2023 10:18:34 am
रोजगार की चाह में व्यावसायिक शिक्षा के प्रति विद्यार्थियों की रूचि बढ़ रही है। इसका प्रमाण यह है कि पिछले शिक्षा सत्र की तुलना में इस बार एक हजार से अधिक विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम शुरू किया गया है।


रोजगार की चाह में व्यावसायिक शिक्षा में बढ़ रही रूचि
रोजगार की चाह में व्यावसायिक शिक्षा में बढ़ रही रूचि
- जिले से लेकर राज्य भर में व्यावसायिक शिक्षा के प्रति विद्यार्थियों का बढ़ रहा रुझान
- पिछले शिक्षा सत्र की तुलना में इस बार एक हजार से अधिक विद्यालयों में और शुरू किया व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम
हनुमानगढ़. रोजगार की चाह में व्यावसायिक शिक्षा के प्रति विद्यार्थियों की रूचि बढ़ रही है। इसका प्रमाण यह है कि पिछले शिक्षा सत्र की तुलना में इस बार एक हजार से अधिक विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। इसके चलते व्यावसायिक शिक्षा का संचालन करने वाले सरकारी विद्यालयों की संख्या प्रदेश में बढकऱ तीन हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है।
महत्वपूर्ण यह है कि करीब नौ साल पहले ही सरकारी विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा योजना प्रारंभ की गई थी। शुरुआत में राज्य के केवल 11 जिलों के 70 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में इस योजना का क्रियान्वयन किया गया था। अब तीन हजार से अधिक विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा योजना संचालित की जा रही है। जाहिर है कि दिनोंदिन विद्यार्थियों की रूचि व्यावसायिक शिक्षा के प्रति बढ़ रही है। इस कारण ही योजना का संचालन करने वाले विद्यालय बढ़ रहे हैं।
1181 नए स्कूल
जानकारी के अनुसार चालू शिक्षा सत्र में 3105 सरकारी विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा योजना का संचालन किया जा रहा है। इसमें से 1924 विद्यालयों में तो गत सत्र में ही संचालन हो रहा था। जबकि 1181 विद्यालय नए अनुमोदित किए गए। इनमें से 84 केजीबीवी, 18 मॉडल स्कूल, 100 सिंगल सेक्टर स्कूल तथा 979 राउमावि में व्यावसायिक शिक्षा शुरू की गई।
चार साल प्रशिक्षण, रोजगार में सहायक
व्यावसायिक शिक्षा के संचालन के लिए चयनित विद्यालय की कक्षा नौ में प्रति सेक्टर अधिकतम 40 विद्यार्थियों का चयन कर नवीन प्रवेश दिया जाता है। अनुमोदित विद्यालयों में प्रथम वर्ष कक्षा नौ तथा आगामी वर्षों में क्रमश: 10, 11 व 12 का संचालन किया जाता है। इस तरह चार साल तक विद्यार्थी अपनी रूचि के ट्रैड मतलब सेक्टर में प्रशिक्षण प्राप्त कर उसमें दक्ष बन जाता है। ऐसे में बारहवीं कक्षा के बाद उसके पास एक अतिरिक्त स्किल होती है जो रोजगार दिलाने मेें भविष्य में सहायक बनती है। विद्यार्थियों को आईटी, हेल्थकेयर, ब्यूटी एंड वेलनेस, ऑटोमोटिव, रिटेल, सिक्योरिटी, टूरिज्म एंड हॉस्पिटालिटी, इलेक्ट्रोनिक्स एंड हार्डवेयर, एग्रीकल्चर, होम फर्निशिंग, बीएफएसआई फूड प्रोसेसिंग, कंस्ट्रक्शन आदि सेक्टर में प्रशिक्षण दिया जाता है।
जिले में पहले 52 अब 71
व्यावसायिक शिक्षा प्रभारी समसा पीओ श्रवण कुमार ने बताया कि जिले में गत शिक्षा सत्र तक 52 विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा का संचालन किया जा रहा था। इस सत्र में 19 विद्यालयों में और यह पाठ्यक्रम मंजूर हुआ है। इस तरह संख्या बढकऱ 71 हो गई है। समसा एपीसी हरलाल सहारण ने बताया कि व्यावसायिक शिक्षा रोजगारपरक होने के कारण इसके प्रति दिनोंदिन विद्यार्थियों की रूचि बढ़ रही है।