scriptडिब्बों में बिकने वाली कीवी हनुमानगढ़ में बिक रही ढेरी में | Kiwi fruit prices cheaper, Hanumangarh is getting a lot of sales | Patrika News

डिब्बों में बिकने वाली कीवी हनुमानगढ़ में बिक रही ढेरी में

locationहनुमानगढ़Published: Dec 01, 2020 12:22:26 pm

Submitted by:

adrish khan

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अदरीस खान @ हनुमानगढ़. देशी की तुलना में विदेशी फल अधिकांशत: महंगे ही बिकते हैं। कीवी सरीखे कई फल तो ऐसे हैं जिनका किलोग्राम का भाव ही दुकानदार कभी ग्राहक को नहीं बताता। यह विदेशी फल किलोग्राम की बजाय प्रति नग के भाव से बेचा जाता है

डिब्बों में बिकने वाली कीवी हनुमानगढ़ में बिक रही ढेरी में

डिब्बों में बिकने वाली कीवी हनुमानगढ़ में बिक रही ढेरी में

डिब्बों में बिकने वाली कीवी हनुमानगढ़ में बिक रही ढेरी में
– कीवी फल की अच्छी आवक, सस्ता होने से लुभा रहा लोगों को
– भाव में गत वर्ष की तुलना में पचास प्रतिशत से अधिक गिरावट
अदरीस खान @ हनुमानगढ़. देशी की तुलना में विदेशी फल अधिकांशत: महंगे ही बिकते हैं। कीवी सरीखे कई फल तो ऐसे हैं जिनका किलोग्राम का भाव ही दुकानदार कभी ग्राहक को नहीं बताता। यह विदेशी फल किलोग्राम की बजाय प्रति नग के भाव से बेचा जाता है। इसलिए फलों की दुकान पर डिब्बों में बड़े करीने से सजाकर महंगे दामों पर बिकता है। मगर इन दिनों डिब्बों में बिकने वाला यह फल रेहडिय़ों पर ढेरी लगाकर बेचा जा रहा है। इसके भाव भी गत वर्ष की तुलना में पचास प्रतिशत से ज्यादा कम है।
ऐसे में कीवी का लुत्फ लेने की इजाजत आमजन की जेब भी देनी लगी है। वैसे भी यह माना जाता है कि डेंगू रोगियों के लिए कीवी खाना लाभदायक है। इस बार हनुमानगढ़ शहर में डेंगू के रोगी भी जिले में सबसे ज्यादा मिले हैं। इस कारण भी कीवी की अच्छी-खासी खपत हो रही है। फल विक्रेताओं की मानें तो दाम कम होने की वजह से आम आदमी भी कीवी खरीद कर इसका आनंद उठा रहा है। क्योंकि अधिकांशत: इसके भावों में तेजी ही रहती है। अभी जितने दाम तो पहले कभी रहे भी नहीं।
ईरान से आ रही कीवी
फल विक्रेताओं के अनुसार ज्यादातर कीवी की आपूर्ति यूरोपीय व ऑस्ट्रेलियन महाद्वीप के देशों से होती है। मगर पिछले कुछ वर्षों में इसमें बदलाव हुआ है। अब ईरान से भी कीवी की आपूर्ति होने लगी है। पहले आपूर्ति करने वाले देशों की तुलना में ईरान नजदीक है। इस कारण भी भाव में कमी आ रही है। इसके अलावा कोरोना संक्रमण संकट के चलते भी कई देशों में मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं हो सकी। ऐसे में जहां आसानी से आपूर्ति हो रही थी, वहां अधिक माल सप्लाई किया गया। इन सबके चलते कीवी का बाजार भाव सस्ता है।
दाम में कितनी गिरावट
पिछले साल कीवी 25 से लेकर 35 रुपए प्रति नग के हिसाब से बिकी थी। इस साल 10 से लेकर 20 रुपए प्रति के भाव से कीवी विक्रय की जा रही है। रेहडिय़ों पर ढेरी लगाकर 10 से 15 रुपए प्रति नग के भाव से गत सप्ताह तक विक्रय की गई।
डेंगू से बढ़ी खपत
कोरोना महामारी के बीच इस साल खासकर हनुमानगढ़ शहर में डेंगू के रोगी बहुत मिले। क्योंकि चिकित्सा विभाग का सारा ध्यान कोरोना से निपटने में ही लगा रहा। ऐसे में डेंगू को लेकर फोगिंग, स्लाइड, दवा छिड़काव जैसे कदम प्रभावी ढंग से नहीं उठाए गए। डेंगू बढऩे के कारण भी कीवी की खपत अधिक हो रही है। इसे डेंगू पीडि़त के लिए लाभदायक माना जाता है।

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