मनरेगा के तहत नवम्बर में अजमेर जिले में १४७, अलवर में १९०, बांसवाड़ा में १७९, बारां १४७, बाड़मेर में २०६, भरतपुर में १७७, भीलवाड़ा में १७८, बीकानेर में १८२ रुपए औसत मजदूरी मिली। इसी तरह बूंदी में १८०, चितौडग़ढ़ १७६, चूरू १७५, दौसा में १७२, धौलपुर में १८५, डूंगरपुर १७९, हनुमानगढ़ में १६५, जयपुर में १७४, जैसलमेर में १८६, जालोर १७०, झालावाड़ १८४, झुंझुंनू १७१, जोधपुर १६७, करौली १८०, कोटा १६२, नागौर १७५, पाली १६२, प्रतापगढ़ १७५, राजसमंद १९३, सवाईमाधोपुर १८७, सीकर १८३, सिरोही १८६, श्रीगंगानगर १५४, टोंक १८०, उदयपुर जिले में औसत मजदूरी १७४ रुपए प्रतिदिन रही।
प्रदेश में गत दिनों कोरोना महामारी के समय लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार का सबसे बड़ा साधन मनरेगा योजना ही बनी। हजारों प्रवासी मजदूर जब लौटे तो उन्हें गांवों में मनरेगा में मजदूरी दी गई। इस तरह आपदा के समय रोजगार की दृष्टि से मनरेगा संजीवनी साबित हुई।
हनुमानगढ़ जिले की बात करें तो चालू वित्तीय वर्ष में मनरेगा में एक अप्रेल से अब तक १६१६७३ परिवार को रोजगार दिया गया है। जिनको रोजगार उपलब्ध करवा दिया गया है। दस दिसम्बर तक इन परिवारों को १२७५८.१८ लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। वर्तमान में मनरेगा में प्रगतिरत कार्यों की संख्या ९५५१ है।
-मनरेगा के तहत प्रदेश में मजदूरी दर २२० रुपए प्रतिदिन निर्धारित है।
-नवम्बर में प्रदेश में औसत मजदूरी १७७ रुपए प्रतिदिन रही।
-हनुमानगढ़ जिले में वर्तमान में मनरेगा में प्रगतिरत कार्यों की संख्या ९५५१ है।
-हनुमानगढ़ जिले में चालू वित्तीय वर्ष में मनरेगा में एक अप्रेल से अब तक १६१६७३ परिवार को दिया गया रोजगार।
पूरी मजदूरी दिलाने का करेंगे प्रयास
मनरेगा में निर्धारित मजदूरी दर के अनुसार मजदूरों को भुगतान करने को लेकर सभी ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया है। इसके लिए मुहिम भी चला रहे हैं। इसमें मनरेगा कार्मिकों को नए सिरे से प्रशिक्षित करने काम भी करेंगे।
-जाकिर हुसैन, कलक्टर, हनुमानगढ़