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नशे के खिलाफ रोकने व टोकने की नीति ही कारगर

https://www.patrika.com/hanumangarh-news/ हनुमानगढ़. शांति एवं अहिंसा विभाग के तत्वावधान में राष्ट्र स्तरीय नशा मुक्ति सामाजिक बहिष्कार कार्यक्रम का आयोजन जंक्शन स्थित वार्ड नंबर 14 के सामुदायिक भवन में किया गया। वक्ताओं ने नशे के खिलाफ अपने विचार रखे। गांधीवादी विचारों से नशे से कैसे लड़ा जा सकता है, उसके बारे में बताया। कार्यक्रम में देश-प्रदेश से 200 से अधिक गांधीवादी विचारकों और प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।  

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नशे के खिलाफ रोकने व टोकने की नीति ही कारगर
– राष्ट्रीय स्तरीय नशा मुक्ति सामाजिक बहिष्कार कार्यक्रम में बोले वक्ता
-गांधी के विचारों को फैलाने के लिए 52 हजार गांधी प्रेरकों का चयन

हनुमानगढ़. शांति एवं अहिंसा विभाग के तत्वावधान में राष्ट्र स्तरीय नशा मुक्ति सामाजिक बहिष्कार कार्यक्रम का आयोजन जंक्शन स्थित वार्ड नंबर 14 के सामुदायिक भवन में किया गया। वक्ताओं ने नशे के खिलाफ अपने विचार रखे। गांधीवादी विचारों से नशे से कैसे लड़ा जा सकता है, उसके बारे में बताया। कार्यक्रम में देश-प्रदेश से 200 से अधिक गांधीवादी विचारकों और प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। मौजूद वक्ताओं ने कहा कि नशे के खिलाफ रोकने व टोकने की नीति ही कारगर है। यदि कोई समाज में नशा करता है तो उसका बहिष्कार करना चाहिए। तभी समाज को नशा मुक्त बनाना संभव होगा। कार्यक्रम में मेरी जीवनकथा मोहनदास करमचंद गांधी, बीसूका कार्यक्रम की बुकलेट का वितरण भी किया गया। शांति एवं अहिंसा विभाग के निदेशक मनीष शर्मा ने कहा कि विश्व में बहुत कम देश हंै जिनके महापुरुषों को पूरा विश्व जानता है। इसमें महात्मा गांधी की याद में पूरा विश्व 2 अक्टूबर को अहिंसा दिवस मनाता है। हमें उनके आदर्शों को भूलना नहीं चाहिए। गांधी का रामराज्य धर्म से जुड़ा हुआ नहीं है। बल्कि यह महिला सशक्तिकरण व कौमी एकता की बात करता है। देश को आजाद करवाने के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले देशभक्तों ने आजादी के लिए अपने आप को इसलिए समर्पित नहीं किया था कि आने वाली युवा पीढ़ी आजादी के नाम पर नशा करे। सरकार नशे को मिटाने के लिए प्रयास कर रही है परंतु बिना सामाजिक बहिष्कार के इसे जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता। जिला अहिंसा प्रकोष्ठ के संयोजक श्रवण तंवर ने राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया कि 52 हजार गांधी प्रेरकों का चयन कर लिया गया है। जिनको जल्द ही नियुक्ति दी जाएगी। बीसूका उपाध्यक्ष सुरेंद्र दादरी ने कहा कि सभी उपस्थित लोगों को संकल्प लेना चाहिए कि वह अपनी स्वेच्छा से नशे को छोड़ेंगे। जिला सहसंयोजक तरुण विजय ने कहा कि हम आज यहां से संकल्प लेकर जाएं कि खुद भी नशा नहीं करेंगे तथा अन्य समाज के व्यक्तियों को भी जागरूक करेंगे। उन्होंने पर्यावरण तथा नशे के खिलाफ खेल गतिविधियों को बढ़ाने के लिए जिले में लंबे समय से चली आ रही साइकलिंग ट्रेक बनवाने की मांग को लेकर निदेशक को मुख्यमंत्री से आग्रह करने के लिए निवेदन किया। कार्यक्रम में प्रदेश व अन्य राज्यों से गांधीवादी विचारक पहुंचे। जिला प्रमुख कविता मेघवाल, गांधीवादी विचारक धर्मवीर कटेवा, विष्णु शर्मा, मध्यप्रदेश के गांधीवादी विचारक जयसिंह जादौन, सर्वोदय नेता सवाई सिंह, सीडब्ल्यूसी चेयरमैन जितेंद्र गोयल, पूर्व प्रधान दयाराम जाखड़, जिला परिषद सदस्य मनीष मक्कासर, श्रीगंगानगर जिला अहिंसा प्रकोष्ठ के संयोजक प्रवीण गौड, अश्विनी पारीक, दिनेश दाधीच, जिला स्तरीय कंट्रोल रूम के प्रभारी मनोज बड़सीवाल, प्रेमराज जाखड़, बलवीर सिद्धू, जय सिंह, किसान नेता अनिल सिंह, गुरमीत चंदडा, सीईओ जिला परिषद सुनीता चौधरी आदि की मौजूदगी रही।

पैसे देकर खरीदा हुआ धीमा जहर है नशा
कार्यक्रम में मनीष शर्मा ने कहा कि गांधी के निर्देशन में स्वदेशी आंदोलन में विदेशी कपड़ों की होली जलाई गई थी। उसी प्रकार अब हमें नशे की भावना का दहन करना होगा। हमें युवा पीढ़ी को रोकना व टोकना होगा, हमें उन्हें समझाना होगा कि जो नशा कर रहे हैं वह पैसे देकर खरीदा हुआ धीमा जहर है। सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करना निषेध है, हमें आमजन को इसके लिए और अधिक जागरूक करना होगा । इस मौके पर बताया कि आगामी प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम गंगानगर जिले में होगा।