प्रदूषण मंडल कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि रीको अधिकारी यदि प्रदूषित पानी समस्या के समाधान को लेकर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का प्रोजेक्ट बनाते हैं तो करीब १२ करोड़ का बजट प्रदूषण मंडल देने को तैयार है। लेकिन इसलिए प्रस्ताव रीको व उद्योगपतियों को तैयार करना होगा। हनुमानगढ़ की बात करें तो यहां कंपनी बन चुकी है। लेकिन इसके बाद की प्रगति कुछ ज्यादा अच्छी नहीं है। वहीं नहर किनारे जमा हो रहे अपशिष्ट को लेकर प्रदूषण मंडल के अधिकारियों का कहना है कि यहां पर फैक्ट्रियों के साथ ही घरों के शौचालय का अपशिष्ट भी टैंकरों के माध्यम से खाली करने की आशंका है। ट्रीटमेंट प्लांट बनने के बाद ही समस्या का समाधान संभव है।
फैक्ट्रियों से लगातार प्रवाहित हो रहे अपशिष्ट की रोकथाम को लेकर आसपास निवास करने वाले लोग लगातार आंदोलन कर रहे हैं। गत दिनों इसे लेकर लोगों ने चक्काजाम भी किया था। इसमें प्रशासन की टीम ने जल्इ इस मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया था। इसके बाद संघर्ष समिति के सदस्यों ने एडीएम व एसडीएम से मिलकर इस मामले में अपडेट जाना। इसमें अधिकारियों ने बताया कि प्रदूषण फैला रही फैक्ट्रियों का निरीक्षण किया गया है। नियमों का उल्लंघन कर संचालित की जा रही फैक्ट्रियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई वार्ता में संघर्ष समिति से जिला परिषद सदस्य मनीष मक्कासर, कांग्रेस नेता मनोज बड़सीवाल, समिति के जसविंदर सिंह धारीवाल, पार्षद स्वर्ण सिंह, अब्दुल हाफिज, संजय सांसी व राजकुमार आदि मौजूद रहे।
नियमों का उल्लंघन करने पर नोटिस
जीरो क्यूसेक डिस्चार्ज करने की शर्त पर हमने फैक्ट्रियां संचालित करने को लेकर एनओसी जारी किया है। नियम का उल्लंघन करने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। हमने कई फैक्ट्रियों का निरीक्षण कर पर्यावरण संबंधी मापदंडों को जांचा है। सर्वाधिक अपशिष्ट प्रवाहित करने वाली एक फैक्ट्री को नोटिस जारी किया है। उक्त फैक्ट्री संचालक को व्यवस्था सुधार को लेकर दस अक्टूबर तक समय दिया है।
-अमित सोनी, रीजनल ऑफिसर, प्रदूषण मंडल कार्यालय हनुमानगढ़