उल्लेखनीय है कि रोडवेज ने मुख्यालय स्तर पर करीब पांच हजार बसों में कैमरे लगाने, रखरखाव करने और संचालन करने का जिम्मा वर्ष 201५-१६ में एक निजी आईटी कम्पनी को दिया था। रोडवेज के आगार कार्यालयों (डिपो) में एक कम्प्यूटर के माध्यम से उच्चाधिकारी बसों में हो रही गतिविधियों को देख सकते थे। इसके अलावा मुख्यालय स्तर पर भी एक संचालन कक्ष बनाया गया था। करीब दो वर्ष तक तो यह कैमरे चले, इसके बाद बताया जा रहा है कि अनुबंधित कम्पनी से अनुबंध की अवधि बढ़ाई नहीं गई और कैमरे अनुयोगी हो गए और महज शो-पीस की तरह बसों में लगे रहे।
एलसीडी और जीपीएस भी हुए अनुपयोगी
रोडवेज प्रबंधन ने वर्ष 201५-1६ के दौरान ही बसों में एलसीडी लगाई और जीपीएस लगाए, ताकि यात्रियों को पता चल सके कि बस वर्तमान समय में कहां पर है, यह व्यवस्था भी आधी अधूरी ही शुरू हो पाई और फिर दम तोड़ गई। हनुमानगढ़ जंक्शन के मुख्य बस स्टैण्ड पर जीपीएस से जुड़ी दो एलसीडी लगानी थी। वह आगार कार्यालय में आ गई। मगर वह बस स्टेण्ड पर लग ही नहीं पाई, इससे पहले ही जीपीएस सिस्टम फैल हो गया। नतीजा यह है कि अब कुछ बसों में एलसीडी लगी हुई है, मगर वह बंद है।
रोडवेज प्रबंधन ने वर्ष 201५-1६ के दौरान ही बसों में एलसीडी लगाई और जीपीएस लगाए, ताकि यात्रियों को पता चल सके कि बस वर्तमान समय में कहां पर है, यह व्यवस्था भी आधी अधूरी ही शुरू हो पाई और फिर दम तोड़ गई। हनुमानगढ़ जंक्शन के मुख्य बस स्टैण्ड पर जीपीएस से जुड़ी दो एलसीडी लगानी थी। वह आगार कार्यालय में आ गई। मगर वह बस स्टेण्ड पर लग ही नहीं पाई, इससे पहले ही जीपीएस सिस्टम फैल हो गया। नतीजा यह है कि अब कुछ बसों में एलसीडी लगी हुई है, मगर वह बंद है।
बसों में निगरानी के लिए थे बहुत महत्वपूर्ण
– बसों में सवार यात्रियों की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध हुए थे कैमरे।
– कैमरे लगे होने से बसों में चोरी आदि की वारदातों पर काफी अंकुश लगा था।
– यात्रियों में विवाद और झगड़ों पर भी कैमरों के चलते अंकुश लगा था।
– बिना टिकट यात्रा करने पर भी कैमरों के चलते रोक लगी थी।
– परिचालक और यात्री में विवाद की घटनाओं में भी कमी आई थी।
– बसों में सवार यात्रियों की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध हुए थे कैमरे।
– कैमरे लगे होने से बसों में चोरी आदि की वारदातों पर काफी अंकुश लगा था।
– यात्रियों में विवाद और झगड़ों पर भी कैमरों के चलते अंकुश लगा था।
– बिना टिकट यात्रा करने पर भी कैमरों के चलते रोक लगी थी।
– परिचालक और यात्री में विवाद की घटनाओं में भी कमी आई थी।
सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण थे कैमरे
रोडवेज बसों में कैमरे सुरक्षा के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण थे। इससे बसों में होने वाली छोटी-छोटी वाद-विवाद की घटनाओं पर अंकुश लगा था। चोरीकी वारदातों पर भी इससे अंकुश लगा था। -आशीष कुमार, रोडवेज यात्री, हनुमानगढ़।
रोडवेज बसों में कैमरे सुरक्षा के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण थे। इससे बसों में होने वाली छोटी-छोटी वाद-विवाद की घटनाओं पर अंकुश लगा था। चोरीकी वारदातों पर भी इससे अंकुश लगा था। -आशीष कुमार, रोडवेज यात्री, हनुमानगढ़।
मुख्यालय से होते थे संचालित कैमरे
रोडवेज बसों में कैमरे मुख्यालय के आदेश पर लगे थे और वहीं से वह संचालित थे। करीब तीन साल से बंद हैं। यह मुख्यालय के स्तर पर ही बंद हुए हैं। -दीपक भोभिया, मुख्य प्रबंधक, रोडवेज, हनुमानगढ़।
रोडवेज बसों में कैमरे मुख्यालय के आदेश पर लगे थे और वहीं से वह संचालित थे। करीब तीन साल से बंद हैं। यह मुख्यालय के स्तर पर ही बंद हुए हैं। -दीपक भोभिया, मुख्य प्रबंधक, रोडवेज, हनुमानगढ़।