बांधों के भराव का सीजन २० सितम्बर तक माना जाता है। इस तरह इस बार मानसून के ज्यादा सक्रिय नहीं होने के कारण जुलाई के अंतिम सप्ताह में भी पौंग बांध अपनी भराव क्षमता से करीब ७० फीट खाली है। इस बांध की भराव क्षमता १३८० फीट के करीब है। पौंग बांध में करीब पचास प्रतिशत हिस्सा राजस्थान का निर्धारित है। इस बांध का जल स्तर बढऩे के बाद ही राजस्थान को राहत मिलने के आसार हैं।
पिछले पखवाड़े में हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से पौंग बांध के जल ग्रहण क्षेत्रों में अच्छी आवक हुई। एक ही दिन में दो लाख से ढाई लाख क्यूसेक पानी की आवक होने के बाद बांध का लेवल कुछ सुधरा भी। लेकिन इसके बाद फिर आवक घटने के कारण जल संकट की स्थिति दूर नहीं हो रही।