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राजस्थान का यह जिला बना कृषि यंत्रों का हब, विदेशों में है जबरदस्त मांग

Rajasthan News : राजस्थान का यह जिला कृषि यंत्रों के हब के रूप में पहचान बना रहा है। आस-पास के राज्यों के किसान यहां से कृषि यंत्र ले जा जाते हैं। यही नहीं विदेशों में भी इन कृषि यंत्रों की भारी मांग है। इन कृषि यंत्रों से किसान का जीवन आसान बन गया है।

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Rajasthan This District become a Agricultural Machinery Hub there is Tremendous Demand Abroad

Rajasthan News : हनुमानगढ़ जिले में विश्वकर्मा पुत्र खेती-किसानी को आसान बनाने के प्रयास में निरंतर लगे हुए हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जिले में कृषि यंत्र बनाने वाली 75 फर्में पंजीकृत हैं, जो कल्टीवेटर, रोटावेटर, थ्रेसर, प्लाऊ, कीटनाशक छिड़काव मशीन सहित कृषि कार्य में काम आने वाली दर्जनों मशीनें बना रही है। जिले की संगरिया तहसील में भूर इंप्लीमेंट्स ऐसी फर्म है, जिनके उत्पाद देश ही नहीं विदेश तक जा रहे हैं। इसी तरह रावतसर में भी काफी संख्या में फर्में संचालित हो रही है। इस कस्बे के कारीगर हर दिन अत्याधुनिक तकनीक से लैस कृषि यंत्रों को तैयार कर कृषि को आसान बना रहे हैं। यहां अत्याधुनिक बनने वाले कृषि यंत्रों की डिमांड अन्य राज्यों में भी रहती है। क्षेत्र में कृषि यंत्रों का कारोबार दिनों दिन फल-फूल रहा है। इससे रावतसर व संगरिया कस्बा कृषि यंत्रों का हब बनता जा रहा है।

कई राज्यों में है भारी मांग

रावतसर की बात करें तो यहां हनुमानगढ़ रोड़ पर स्थित बालाजी एग्रीकल्चर वर्क्स के संचालक श्यामलाल स्वामी व सुनील स्वामी ने बताया कि उनके तैयार किए गए कृषि यंत्र राजस्थान, हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र आदि जिलों में सप्लाई किए जाते हैं। इनकी खूब मांग रहती है। कृषि क्षेत्र में लगातार संभावना होने की वजह से कृषि यंत्रों का कारोबार खूब आगे बढ़ रहा है।

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कृषि यंत्रों के निर्माण से जिले की बढ़ रही है जीडीपी - निदेशक बलकरण सिंह

कृषि विभाग हनुमानगढ़ के सहायक निदेशक बलकरण सिंह के अनुसार जिले का संगरिया व रावतसर कस्बा कृषि यंत्रों के निर्माण में काफी आगे जा रहा है। यहां निर्मित कृषि यंत्रों की मांग देश ही नहीं विदेशों में खूब रहती है। इससे जिले की जीडीपी को भी ग्रोथ मिलना स्वभाविक है।

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इन देशों में जाते हैं उत्पाद

संगरिया में संचालित भूर इंपलीमेंट्स के संचालक नरेंद्र सिंह बताते हैं कि हर वर्ष काफी संख्या में हमारे कृषि यंत्र विदेशों में जाते हैं। इनमें दक्षिण अफ्रिका, न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया, नेपाल आदि शामिल हैं। उक्त फर्म भारत सरकार से पंजीकृत है। तोता प्लाऊ, डिस्क हैरो, कल्टीवेटर, रोटावेटर, थ्रेसर, प्लाऊ, कीटनाशक छिड़काव आदि मशीनों का निर्माण यहां किया जा रहा है।

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आंसू देख गांव में ही बना दिया कोल्ड स्टोर

हनुमानगढ़ जिला कृषि प्रधान है। यहां गेहूं, धान, कपास, ग्वार, सरसों, मूंग आदि की अच्छी पैदावार होती है। इसके अलावा किसानों की आमदनी बढ़ाने की लिहाज से उद्यानिकी फसलों की खेती भी की जा रही है। जिले की बात करें तो करीब पांच-सात वर्ष पहले तक आलू उत्पादक किसानों को माल बेचने के लिए बाजार नहीं मिलता था। इसका बड़ा कारण जिला मुख्यालय पर एक भी कोल्ड स्टोर का नहीं होना था। ऐसे में आलू उत्पादक किसानों को माल लेकर बठिंडा मंडी में जाना पड़ता था। इससे परिवहन का खर्चा भी खूब आ जाता था। एक दिन पिता को परेशान देख उनके आंसू पोछने के लिए पुत्र ने गांव में ही बड़ा कोल्ड स्टोर बनाने का मन बना लिया।

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8500 एमटी क्षमता का कोल्ड स्टोर हुआ तैयार, 10 करोड़ हुए खर्च

सतीपुरा निवासी परमात्मा सिंह बताते हैं कि जब मैंने यहां पर कोल्ड स्टोर बनाने का काम शुरू किया तो बहुत सी परेशानी आई। शुरुआत में कम क्षमता का स्टोरेज बनाया। लेकिन आज मां-बाप के आशीर्वाद से 8500 एमटी क्षमता का कोल्ड स्टोर तैयार हो गया है। करीब 10 करोड़ की इस पर लागत आई है। मालिक की कृपा से पैसों का बंदोबस्त कैसे हुआ, पता नहीं चला। इस कोल्ड स्टोर में अब एक लाख 70 हजार आलू की बोरी सुरक्षित रखती जा सकती है। जिले की बात करें तो इस बार 15000 हेक्टैयर में आलू की खेती की गई है। कोल्ड स्टोर में स्टोरेज सुविधा मिलने से किसानों को अच्छे भाव मिलने की उमीद है।

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किसानों को राहत देने का प्रयास

मैं स्वयं किसानी परिवार से हूं। पढ़ाई-लिखाई के दौरान पिता को खेतों में काम करते हुए देखा तो मन में खेती व किसानी को आसान करने की ठानी। इसके बाद उक्त मिशन पर लग गया। आज अत्याधुनिक तकनीक के उपकरणों से खेती आसान हो गई है। हमारी फर्म पांच-छह राज्यों में कृषि यंत्रों की सप्लाई दे रही है। आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को राहत देने के लिए कृषि यंत्रों पर छूट की सुविधा भी दे रहे हैं। ताकि किसान बिना किसी परेशानी के कृषि यंत्र खरीद कर सके।
सुनील स्वामी, संचालक, कृषि यंत्र निर्माता फर्म, रावतसर।


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