फिरोजपुर फीडर की मरम्मत होने के बाद राजस्थान की गंगकैनाल को मांग के अनुसार पानी मिल सकेगा। जल संसाधन विभाग उत्तर संभाग हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता विनोद मित्तल के अनुसार कुल प्रोजेक्ट लागत की तुलना में राजस्थान को करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए पंजाब को देने पड़ेंगे। इस कार्य को करवाने के लिए पंजाब ने बंदी जनवरी से मार्च तक लेने का प्रस्ताव भिजवाया है। लेकिन राजस्थान इस पर सहमत नहीं है। राजस्थान का कहना है कि यह मरम्मत कार्य अप्रेल में हो। जबकि बंदी की अवधि भी पंजाब छोटी करे। जिससे गंगकैनाल क्षेत्र के किसानों को किसी तरह की दिक्कत नहीं हो। अब पंजाब के अधिकारी मरम्मत कार्य शुरू करवाने से पहले बंदी अवधि के विकल्प को तलाशने में लगे हैं।
तीस के बाद बदलेगा रेग्यूलेशन
हनुमानगढ़. भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) की बैठक मंगलवार को हुई। इसमें राजस्थान को बीस नवम्बर तक मिलने वाले सिंचाई पानी का निर्धारण किया गया। जल संसाधन विभाग उत्तर संभाग हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता विनोद मित्तल ने बैठक में राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया। वीसी के जरिए हुई बैठक में मुख्य अभियंता ने जल परामर्शदात्री समिति की बैठक में तय किए गए रेग्यूलेशन के अनुसार नहरों को चलाने को लेकर पानी देने की मांग रखी। इस पर बीबीएमबी ने सहमति प्रदान कर दी। मुख्य अभियंता ने बताया कि हरियाणा की तरफ से राजस्थान को मिलने वाले कम पानी का मुद्दा भी बैठक में रखा। इसमें जल्द सुधार करने का आश्वासन बीबीएमबी सदस्यों ने दिया है। गौरतलब है कि बीबीएमबी की ओर से २१ सितम्बर २०२० को किए गए आंकलन के अनुसार रावी व्यास नदियों के पानी में राजस्थान का डिप्लीशन अवधि में पानी का हिस्सा १७८३९६३ क्यूसेज डेज बनता है। इसमें इंदिरागांधी नहर परियोजना का हिस्सा १३३१८५७ क्यूसेक डेज है। इस उपलब्ध पानी के आधार पर जल संसाधन विभाग ने इंदिरागांधी नहर में सात बारी पानी का निर्धारण किया है। इसमें दो बारी पानी यानी 26 सितम्बर से तीस अक्टूबर २०२० तक इंदिरागांधी नहर को चार में दो समूह में चलाने के बाद बाकी की पांच बारी तीन में एक समूह में चलाई जाएगी।