टाउन में मिसिंग लिंक का फिर से शुरू हो काम, जारी किया नोटिस
एक जगह भूमि आड़े आने पर काश्तकार ने जमीन देने से किया इंकार
हनुमानगढ़. टाउन में सीवरेज की अधूरी पाइप लाइनें डालने का काम बारिश के मौसम के कारण बंद किया गया था। इस कार्य को पुन: शुरू करने के लिए नगर परिषद की ओर से नोटिस भी जारी किया जा चुका है। लेकिन अभी तक कंपनी ने खुदाई कार्य शुरू नहीं किया है। वहीं पंजाबी मोहल्ले में पास मिसिंग लिंक काम होना है। लेकिन काश्तकार अपनी भूमि देने को तैयार नहीं है। इसके लिए नगर परिषद की ओर से समझाइश की जा रही है। प्रथम स्तर पर जिन इलाकों में सीवरेज की लाइन बिछाई जा चुकी है। उनमें मिसिंग लिंक पाइपलाइनों को जोडऩे का कार्य किया जाना है। टिब्बी मार्ग से जाटों के मोहल्ले की तरफ खुदाई कार्य शुरू किया गया था। इसके पश्चात सीवरेज चैंबरों की साफ-सफाई की जानी थी। लेकिन बारिश के मौसम के कारण कार्य बंद करवा दिया गया। तब से लेकर अब तक कंपनी ने पुन: कार्य शुरू नहीं किया है। इस कार्य पर करीब 866 लाख रुपए की लागत आएगी। इसके अलावा धानमंडी व रावतसर मार्ग पर पंप हाउस में सुधार कार्य शुरू किया जाएगा। 866 लाख रुपए में टाउन में बिछी पचास किलोमीटर तक की सीवरेज पाइपों का फ्लो टेस्ट होगा। फ्लो टेस्ट के साथ ही सीवरेज चैबरों की सफाई होगी। वहीं टिब्बी मार्ग, सूर्यनगर, मेगा हाइवे, अश्विनी स्कूल के पास सहित सात जगह पर मिसिंग लिंक को जोड़ा जाएगा। रावतसर मार्ग व भद्रकाली मार्ग पर धूल फांकते पंप हाउस की रिपेयर भी इसी राशि से होगी। उल्लेखनीय है कि नगर परिषद ने आरयूआईडीपी को पत्र लिखकर टाउन में अधूरी सीवरेज लाइन को पूरा करने व टाउन और जंक्शन में क्षतिग्रस्त पेयजल पाइप लाइन को बदलने की मांग की थी। इस पर आरयूआईडीपी ने सीवरेज लाइन का अधूरा कार्य कराने के लिए हाथ खड़े कर दिए। इसके पश्चात नगर परिषद ने सीवरेज लाइन व पेयजल पाइप लाइनें बिछाने के लिए आरयूआईडीपी को पुन: पत्र लिखकर 1655.96 लाख रुपए की डिमांड भेजी थी। इस राशि से होने वाले कार्य का एक तकमीना तैयार किया गया था। इसमें टाउन सीवरेज की मिसिंग लिंक सर्वे रिपोर्ट व जलदाय विभाग की पुरानी क्षतिग्रस्त पाइप लाइनों (राईजिंग मैंस एवं डिस्ट्रीब्यूशन) को बदलने के लिए यह डिमांड भेजी थी। लेकिन आरयूआडीपी ने प्रथम स्तर पर टाउन में सीवरेज लाइन के शेष कार्य को पूरा कराने के लिए 866 लाख रुपए की राशि की स्वीकृति दी थी।
2012 से अधूरा
करीब चार साल पहले रिडकोर ने मेगा हाइवे पर सीवरेज लाइनें डालने के लिए आरयूआईडीपी से 42 लाख रुपए की डिमांड की थी। आरयूआईडीपी ने राशि तो जमा करवा दी। लेकिन कार्यकारी एजेंसी कार्य बीच में छोड़ चली गई। तब से लेकर आज तक टाउन में सीवरेज शुरू नहीं हुआ। इसके बाद टाउन में 1500 मैन हॉल की सफाई करवाने का काम फिर से शुरू किया गया था। लेकिन कुछ दिनों के बाद यह कार्य भी बीच में छोड़ दिया था। अब फिर से कार्य शुरू हो चुका है।
जंक्शन में यह होने है कार्य
दोनों उच्च जलाश्य से पेयजल की सप्लाई नहीं, गंदे पानी को ट्रीट कर खेतों में सप्लाई किया जाना है। आसपास के जिलों के निकासी सिस्टम से तुलना की जाए तो हनुमानगढ़ शहर में गंदे पानी को स्टोर करने के लिए उच्च जलाश्य का निर्माण करने की योजना तैयार की गई थी। इस पर करीब 12 करोड़ की लागत आएगी। जंक्शन में सूरतगढ़-अबोहर बाइपास स्थित एसटीपी में उच्च जलाश्य का निर्माण होगा। यहां से सीवरेज के पानी को ट्रीट कर जोड़कियां व गांव रोड़वाली की तरफ खेतों में छोडने के पाइपलाइन बिछाई जाएगी। वहीं टाउन-जंक्शन मार्ग पर स्थित एसटीपी में भी एक उच्च जलाश्य का निर्माण होगा। यहां से नाथांवाली थेड़ी के खेतों में पानी की सप्लाई होगी। अनुमान है कि टाउन में पांच सौ बीघा भूमि व जंक्शन में भी पांच सौ बीघा भूमि को पानी सप्लाई किया जा सकेगा। एक उच्च जलाश्य में पानी स्टोर की क्षमता ढाई लाख लीटर होगी। खेतों में पानी की सप्लाई देने पर नगर परिषद शुल्क भी वसूलेगी। यह कार्य जल्द ही शुरू होने वाला है।
ये डलेंगी पाइपलाइन
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर 150 एमएम की पाइप लाइन बिछेगी। खेतों में पाइप डालने के लिए प्लास्टिक की पाइपलाइनें डाली जाएंगी। इसके अलावा जंक्शन के तीन वार्ड में सीवरेज लाइन बिछाने का भी काम होगा। वार्ड के 1040 मकानों का सीवरेज कनेक्शन किया जाना है। इस पर करीब 77 लाख रुपए की लागत आएगी। सीवरेज पाइप लाइनें बिछाने व सडक़ों की पुन: मरम्मत पर 13 करोड़ पर खर्च होंगे। 3 करोड़ 68 लाख रुपए का एक पंप स्टेशन भी बनेगा। 7.5 एमएलडी एसटीपी को अपग्रेड कर 13 एमएलडी क्षमता तक करने की योजना तैयार की गई है। इसमें ट्रीट कर पानी को ओवरहेड टैंक में स्टोर किया जाएगा। एक ओवरहेड टैंक का निर्माण टाउन में होगा तो दूसरा जंक्शन में। इस कार्य पर 27 करोड़ की लागत का आंकलन किया गया है। इन सभी पंप स्टेशन को सोलर पावर से चलाया जाएगा ताकि बिजली की खपत को कम किया जा सके। इस पर करीब पौने तीन करोड़रुपए खर्च होंगे। सीवरेज की पाइप लाइने बिछाने वाली कंपनी को पांच साल तक रख-रखाव करना होगी। रख-रखाव कार्य पर 4 करोड़ 60 लाख रुपए खर्च होंगे। इसकी ड्राइंग तैयार हो चुकी है। यह कार्य जल्द शुरू करने की बात कही जा रही है।