हनुमानगढ़. बिना मेहनत शॉर्टकट रास्तों से अमीरी की मंजिल पर पहुंचने की चाह में यहां के युवाओं का साइबर अपराध गिरोहों से गठजोड़ बढ़ रहा है। पिछले सात-आठ माह में चार ऐसे बड़े मामले सामने आ चुके हैं जिनमें साइबर ठग गिरोह के करोड़ों रुपए कमीशन के आधार पर स्थानीय युवाओं ने खातों में इधर-उधर किए। हालांकि अब तक जिले में सीधे साइबर ठगी को अंजाम देने की बजाय ठगों की राशि किराए के खातों में ट्रांसफर करने वाले ज्यादा पकड़ में आए हैं।
बड़ी बात यह है कि इन प्रकरणों में बैंक कर्मचारी भी संलिप्त पाए गए हैं। जनवरी में एक बैंक मैनेजर को तो गिरफ्तार कर जेल भी भिजवाया जा चुका है। अब गुरुवार को जंक्शन थाना पुलिस ने जो साइबर ठगी की रकम यहां-वहां करने का मामला पकड़ा है, उसमें भी बैंक कर्मचारियों की संलिप्तता का संदेह जताया गया है। मतलब यह कि लोगों के खातों से साइबर ठग जो रकम उड़ा रहे हैं, उसमें कहीं ना कहीं कई बैंक वालों का भी अपराधियों को सहयोग रहता है।
जिला साइबर सैल प्रभारी वाहेगुरु सिंह ने बताया कि बैंक खाता अहस्तांतरणीय होता है। अपना बैंक खाता किसी दूसरे व्यक्ति या फर्म को किराए पर या अन्य तरीके से उपयोग के लिए देना गैर कानूनी है। किसी दूसरे व्यक्ति की ओर से खाते का उपयोग जुआ, तस्करी, साइबर ठगी, हवाला, आतंकवाद के लिए फंडिंग आदि में प्रयुक्त किया जा सकता है। साइबर धोखाधड़ी होने पर राष्ट्रीय अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर अपनी शिकायत स्वयं ऑनलाइन या किसी ई-मित्र के माध्यम से दर्ज करवा सकते हैं। अथवा टोल फ्री हेल्पलाइन नम्बर 1930 या हनुमानगढ़ पुलिस की ओर से जारी हेल्पलाइन नम्बर 87648-76025 पर कॉल कर अपनी शिकायत तुरंत दर्ज करवाएं।
Published on:
05 Jul 2025 10:47 am