निर्माण एजेंसी ने आनाकानी की तो समझाइश के लिए बुलाया
निर्माण एजेंसी ने आनाकानी की तो समझाइश के लिए बुलाया
- दो साल बाद आदेश जारी करने पर कंपनी ने खड़े किए हाथ
हनुमानगढ़. शहर के नागरिकों ने जंक्शन बस स्टैंड से श्रीगंगानगर मार्ग तक सड़क के निर्माण के लिए कई बार आंदोलन किया था।

निर्माण एजेंसी ने आनाकानी की तो समझाइश के लिए बुलाया
- दो साल बाद आदेश जारी करने पर कंपनी ने खड़े किए हाथ
हनुमानगढ़. शहर के नागरिकों ने जंक्शन बस स्टैंड से श्रीगंगानगर मार्ग तक सड़क के निर्माण के लिए कई बार आंदोलन किया था। तब जाकर सरकार ने निर्माण शुरू कराने के लिए हरी झंडी दी थी। लेकिन कार्य शुरू करने के लिए निर्माण एजेंसी हाथ खड़े कर चुकी है। अब समझाइश करने के लिए पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने कंपनी के प्रतिनिधि को कार्यालय बुलाया है। सूत्रों की माने तो दो साल बाद कार्य आदेश देने पर कंपनी निर्माण सामग्री काफी महंगी होने के हवाला देते हुए कार्य करने से आनाकानी कर रही है। इसके चलते यहां के अधिकारियों ने जयपुर मुख्यालय को भी अवगत कराया है। लेकिन मुख्यालय की ओर से हरी झंडी देने के दौरान यह सुनिश्चित किया गया था कि पूर्व में करवाई गई निविदा के कार्यों को शुरू कराने के लिए किसी भी प्रकार की बजट में बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। सार्वजनिक निर्माण विभाग अधिकारी पसोपेश में है। जानकारी के अनुसार विधानसभा चुनाव से पूर्व सार्वजनिक निर्माण विभाग ने एक ही कार्य में पांच सड़कों के निर्माण को शामिल करते हुए निविदा करवाई थी। इसके चलते कार्य आदेश मिलते ही निर्माण एजेंसी ने धौलीपाल से 8 एलपी जिसकी लागत 130 लाख, मुख्य मार्ग से 5 एचएमएच में 28 लाख की लागत से सड़क निर्माण, नवां में 60 लाख की लागत से सड़क का निर्माण शुरू कर दिया। लेकिन राजीव चौक से श्रीगंगानगर मार्ग तक 280 लाख की लागत व संगरिया-कैंचियां मार्ग 70 लाख की लागत से सड़क का निर्माण शुरू नहीं किया। विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार ने बजट का अभाव बताते हुए नोन स्टार्टड कार्य पर रोक लगा दी। इधर, बजट का अभाव होने पर निर्माण एजेंसी ने तीनों कार्यों की गति धीमी कर दी।
28 अक्टूबर को दी थी हरी झंडी
सार्वजनिक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त सचिव संजीव माथुर ने 28 अक्टूबर को आदेश जारी कर प्रदेश की चालीस नोन स्टाटर्ड कार्यों को शुरू कराने के आदेश जारी किए। इसमें साफ लिखा था कि सवेंदकों द्वारा किसी भी प्रकार के अतिरिक्त भुगतान, मूल्य वृद्धि व लेबर, मशीनरी के अकार्यशील रहने का हर्जा-खर्चा इत्यादि की मांग नहीं की जाएगी। सरकार पर कोई भी अतिरिक्त वित्तीय दायित्व उत्पन्न नहीं होगा।
यह हैं हालात
बस स्टैंड से लेकर रेलवे ओवरब्रिज तक यह सड़क दोनों तरफ से पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है। गत दो वर्षों से इस मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढ़े होने के कारण सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से मलबा डाला जा रहा था। वहीं अम्बेडकर चौक से लेकर तिलक सर्किल मार्ग भी कई जगह से क्षतिग्रस्त है, इसे मेजर डिस्ट्रिक मार्ग कहा जाता है।
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