कोरोना संक्रमण संकट में पचास प्रतिशत प्राप्तांक की अनिवार्यता में ढील
हनुमानगढ़Published: Oct 18, 2020 10:04:18 pm
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हनुमानगढ़. कोरोना संक्रमण संकट के चलते विभिन्न कक्षाओं की परीक्षा नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नवीनीकरण में प्राप्तांक को लेकर विशेष ढील दी गई है। क्योंकि परीक्षा के अभाव में विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट किया गया था।
कोरोना संक्रमण संकट में पचास प्रतिशत प्राप्तांक की अनिवार्यता में ढील
कोरोना संक्रमण संकट में पचास प्रतिशत प्राप्तांक की अनिवार्यता में ढील
– छात्रवृत्ति नवीनीकरण में 50 फीसदी अंकों से गत कक्षा पास करने की बाध्यता में शिथिलता
– परीक्षा नहीं होने तथा कक्षा क्रमोन्नत होने के कारण आ रही थी दिक्कतें
अदरीस खान @ हनुमानगढ़. कोरोना संक्रमण संकट के चलते विभिन्न कक्षाओं की परीक्षा नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नवीनीकरण में प्राप्तांक को लेकर विशेष ढील दी गई है। क्योंकि परीक्षा के अभाव में विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट किया गया था। ऐसे में प्राप्तांक का तो मुद्दा ही खत्म हो गया। मगर छात्रवृत्ति नवीनीकरण आवेदन में पुराने नियम ही चल रहे थे। इस कारण विद्यार्थियों से ऑनलाइन आवेदन के समय गत कक्षा के प्राप्तांक प्रतिशत की जानकारी मांगी जा रही थी। क्योंकि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय से संबंधित छात्रवृत्ति प्री-मेट्रिक, पोस्ट-मेट्रिक एवं मेरिट कम मीन्स
के तहत नवीनीकरण के लिए विद्यार्थी के गत कक्षा में 50 प्रतिशत प्राप्तांक होने चाहिए।
ऐसे में विद्यार्थियों के समक्ष संकट था कि वे प्राप्तांक प्रतिशत के कॉलम में क्या जानकारी दे। कक्षा एक से आठ, स्नातक द्वितीय व तृतीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष में बिना परीक्षा प्रमोट होकर नए सत्र में आए विद्यार्थी अधिक परेशान हो रहे थे। इसलिए मांग उठ रही थी कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग तथा अन्य जो भी विभाग छात्रवृत्ति दे रहे हैं, वह इस साल आवेदन प्रक्रिया से प्राप्तांक प्रतिशत का कॉलम हटा ले या फिर इसमें शिथिलता देदे ताकि आवेदक को झूठी सूचना तो नहीं भरनी पड़े। अब इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के छात्रवृत्ति एवं प्रोत्साहन प्रकोष्ठ तथा निदेशालय, अल्पसंख्यक मामलात विभाग, जयपुर ने लिखित आदेश जारी कर प्राप्तांक प्रतिशत की अनिवार्यता में छूट दे दी है। पिछली अंतिम परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थी को छात्रवृत्ति नवीनीकरण के लिए पात्र माना जाएगा। इसके लिए प्राप्तांक प्रतिशत की जरूरत नहीं होगी।
झूठ का सहारा नहीं
छात्रवृत्ति नवीनीकरण आवेदन के दौरान प्राप्तांक प्रतिशत की सूचना संबंधी कॉलम भरने की समस्या का समाधान तो था। मगर इसके लिए झूठ का सहारा लेना पड़ रहा था। कई आवेदक मनमर्जी से ही प्राप्तांक प्रतिशत भरकर काम चला रहे थे। जबकि अधिकांश विद्यार्थी इस संबंध में स्पष्ट गाइडलाइन जारी करने की मांग कर रहे थे। अब लिखित आदेश जारी होने के बाद किसी को झूठ का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। छात्रवृत्ति नवीनीकरण आवेदन की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर तय की गई है।
गाइडलाइन जारी
जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय हंसराज जाजेवाल ने बताया कि कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए वर्तमान शैक्षणिक सत्र के लिए अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय से संबंधित तीन छात्रवृत्ति (प्री-मेट्रिक, पोस्ट-मेट्रिक एवं मेरिट-कम-मीन्स) योजनाओं के तहत नवीनीकरण के लिए आवश्यक 50 प्रतिशत अंकों की बाध्यता में ढील दी गई है। पिछली अंतिम परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थी को इन छात्रवृत्ति के नवीनीकरण के लिए पात्र माना जाएगा। इससे विद्यार्थियों की समस्या का समाधान होगा।