जवाहर नवोदय विद्यालयों के होनहारों को बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के बावजूद नहीं मिलता सम्मान
हनुमानगढ़. होनहारों के ज्ञान को सम्मान नहीं मिल रहा है। हर साल जब मेधावी विद्यार्थियों का शिक्षा विभाग की ओर से सम्मान किया जाता है तो जवाहर नवोदय विद्यालयों के विद्यार्थियों के भी मन में चाह उठती है कि उनको भी यूं सम्मानित किया जाए, इनामी राशि व प्रशंसा पत्र दिया जाए।
हनुमानगढ़
Updated: May 10, 2022 08:33:51 pm
ज्ञान का नहीं सम्मान, होनहार कर रहे इंतजार
- जवाहर नवोदय विद्यालयों के होनहारों को बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के बावजूद नहीं मिलता सम्मान
- लैपटॉप, स्कूटी से लेकर सभी पुरस्कार से रहते वंचित
हनुमानगढ़. होनहारों के ज्ञान को सम्मान नहीं मिल रहा है। हर साल जब मेधावी विद्यार्थियों का शिक्षा विभाग की ओर से सम्मान किया जाता है तो जवाहर नवोदय विद्यालयों के विद्यार्थियों के भी मन में चाह उठती है कि उनको भी यूं सम्मानित किया जाए, इनामी राशि व प्रशंसा पत्र दिया जाए। मगर हर बरस यह चाह सरकारी नीति के नीचे दबकर रह जाती है। क्योंकि राज्य सरकार निरंतर केन्द्र के ‘जवाहर’ से परहेज कर रही है माने जवाहर नवोदय विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों से जिले से लेकर प्रदेश में दोहरा बर्ताव किया जा रहा है।
टॉपर होने के बावजूद इन विद्यार्थियों को लैपटॉप व स्कूटी वितरण या इंदिरा प्रियदर्शिनी सहित किसी भी मान-सम्मान संबंधी योजना में शामिल नहीं किया जा रहा है, जिसका संचालन राज्य सरकार कर रही हो। यह स्थिति जिले में संचालित जवाहर नवोदय विद्यालय से लेकर प्रदेश के सभी ढाई दर्जन से अधिक विद्यालयों में है। इनमें हर साल सैकड़ों विद्यार्थी लेपटॉप व स्कूटी योजना की पात्रता के हिसाब से अंक हासिल करते हैं। मगर इनसे वंचित रह जाते हैं।
नहीं नामांकन की सिरदर्दी तो...
जानकारों के अनुसार स्कूटी व लेपटॉप वितरण योजना का उद्देश्य सरकारी विद्यालयों में नामांकन बढ़ाना है। जबकि सीबीएसई से जुड़े जवाहर नवोदय विद्यालयों में तो नामांकन बढ़ाने की सिरदर्दी बिलकुल भी नहीं है। क्योंकि वहां तो प्रवेश की इतनी मारामारी रहती है कि परीक्षा के जरिए प्रवेश दिए जाते हैं। मगर ऐसी ही स्थिति कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों की है। वहां भी जवाहर नवोदय की तरह ही तमाम सुविधाएं मिलती हैं तथा सीट भी सभी भरी रहती है। फिर भी केजीबीवी की बालिकाओं को पुरस्कार वितरण में शामिल किया जाता है।
यूं रहती स्थिति
बात अगर जिले की करें तो पल्लू स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थियों ने कई दफा 90 या 95 प्रतिशत से भी अधिक अंक हासिल किए हैं। इसके बावजूद उनको लेपटॉप से लेकर किसी पुरस्कार राशि वाली योजना में शामिल नहीं किया जाता। प्रदेश में कुल 32 जवाहर नवोदय विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इनमें से हनुमानगढ़ में एक तथा श्रीगंगानगर में दो हैं। राज्य के इन 32 विद्यालयों में हजारों विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। हर साल सैकड़ों पढ़ेसरी बोर्ड परीक्षाओं में 90 या उससे अधिक प्रतिशत प्राप्त करते हैं। लेकिन सम्मान से वंचित रह जाते हैं।
प्रोत्साहन मिले तो और बेहतर
शिक्षाविदें की माने तो विद्यालय में विद्यार्थियों को तमाम सुविधाएं दी जाती हैं। उनको लेपटॉप, स्कूटी या अन्य योजना के तहत पुरस्कृत नहीं किया जाता है। यदि ऐसा हो जाए तो और अच्छा रहेगा। शिक्षा अधिकारियों के अनुसार राज्य सरकार की योजनाओं में जवाहर नवोदय विद्यालयों के बच्चों को शामिल नहीं किया जाता है। इस संबंध में कई बार मांग भी उठ चुकी है। मगर यह निर्णय मुख्यालय व राज्य स्तर का है।

जवाहर नवोदय विद्यालयों के होनहारों को बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के बावजूद नहीं मिलता सम्मान
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