जिला अस्पताल प्रशासन ने यह किया था तय
अगस्त 2021 में जिला अस्पताल की इमारत को छह मंजिला करने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। इस नक्शे में सड़कों की चौड़ाई 12 मीटर व डिवाइडर दिखाया गया था। इन डिवाइडरों पर पौधरोपण कर सौंदर्यीकरण की योजना तैयार की गई थी। वहीं तीन प्रवेश द्वार की चौड़ाई बढ़ाते हुए चालीस फीट करने को लेकर भी नक्शे में योजना दर्शा रखी थी। लेकिन इसके बाद से मेडिकल कॉलेज के लिए गठित टीम ने इस योजना पर काम बंद कर दिया। इसके पीछे की वजह भविष्य में पार्किग की दिक्कत व अन्य समस्याओं का जिक्र किया गया। मेडिकल कॉलेज का बेस अस्पताल जिला अस्पताल रखते हुए कायाकल्प करने की जो योजना तैयार की गई थी। उसी के मुताबिक ग्राउंड फ्लोर पर 110 बेड का विभिन्न वार्ड, फस्र्ट फ्लोर पर 100 बेड के विभिन्न वार्ड, वर्तमान में एक्स रे कक्ष, सीटी स्कैन की सुविधा को एमसीएच की पुरानी यूनिट में शिफ्ट करने की कागजी कार्यवाही की गई थी। ऑपरेशन थियेटर को ग्राउंड फ्लोर पर ही रखा जाना था। एमसीएच यूनिट के फ्स्र्ट फ्लोर पर बीस बेड का एक वार्ड, द्वितीय फ्लोर पर 50 बेड का एक वार्ड व इसके अलावा बीस बेड का दूसरा वार्ड व एमबीबीएस स्टूडेंट के लिए लेक्चर थियेटर भी किए जाने का निर्णय लिया गया था। छह मंजिला इमारत में जनरल मेडिसन के चार वार्ड, प्रत्येक वार्ड में 25 बेड करने की योजना थी। इसी तरह जनरल सर्जरी के भी चार वार्ड और इनमें बेड की संख्या सौ की गई थी। बच्चों के इलाज के लिए दो वार्ड। प्रत्येक वार्ड में 50 बच्चों को भर्ती करने की सुविधा। इसके अलावा 50-50 बेड की क्षमता के दो जेएसएसवाई वार्ड। कान-नाक व गले से संबंधित रोगी के इलाज के लिए 10 बेड का एक वार्ड अलग से करने का प्रावधान किया गया था। इसी छह मंजिला इमारत में आखों के इलाज के लिए एक यूनिट भी तय की गई थी। जिसमें दस बेड पर रोगी भर्ती करने की सुविधा नक्शे में दर्शाई गई थी।
अगस्त 2021 में जिला अस्पताल की इमारत को छह मंजिला करने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। इस नक्शे में सड़कों की चौड़ाई 12 मीटर व डिवाइडर दिखाया गया था। इन डिवाइडरों पर पौधरोपण कर सौंदर्यीकरण की योजना तैयार की गई थी। वहीं तीन प्रवेश द्वार की चौड़ाई बढ़ाते हुए चालीस फीट करने को लेकर भी नक्शे में योजना दर्शा रखी थी। लेकिन इसके बाद से मेडिकल कॉलेज के लिए गठित टीम ने इस योजना पर काम बंद कर दिया। इसके पीछे की वजह भविष्य में पार्किग की दिक्कत व अन्य समस्याओं का जिक्र किया गया। मेडिकल कॉलेज का बेस अस्पताल जिला अस्पताल रखते हुए कायाकल्प करने की जो योजना तैयार की गई थी। उसी के मुताबिक ग्राउंड फ्लोर पर 110 बेड का विभिन्न वार्ड, फस्र्ट फ्लोर पर 100 बेड के विभिन्न वार्ड, वर्तमान में एक्स रे कक्ष, सीटी स्कैन की सुविधा को एमसीएच की पुरानी यूनिट में शिफ्ट करने की कागजी कार्यवाही की गई थी। ऑपरेशन थियेटर को ग्राउंड फ्लोर पर ही रखा जाना था। एमसीएच यूनिट के फ्स्र्ट फ्लोर पर बीस बेड का एक वार्ड, द्वितीय फ्लोर पर 50 बेड का एक वार्ड व इसके अलावा बीस बेड का दूसरा वार्ड व एमबीबीएस स्टूडेंट के लिए लेक्चर थियेटर भी किए जाने का निर्णय लिया गया था। छह मंजिला इमारत में जनरल मेडिसन के चार वार्ड, प्रत्येक वार्ड में 25 बेड करने की योजना थी। इसी तरह जनरल सर्जरी के भी चार वार्ड और इनमें बेड की संख्या सौ की गई थी। बच्चों के इलाज के लिए दो वार्ड। प्रत्येक वार्ड में 50 बच्चों को भर्ती करने की सुविधा। इसके अलावा 50-50 बेड की क्षमता के दो जेएसएसवाई वार्ड। कान-नाक व गले से संबंधित रोगी के इलाज के लिए 10 बेड का एक वार्ड अलग से करने का प्रावधान किया गया था। इसी छह मंजिला इमारत में आखों के इलाज के लिए एक यूनिट भी तय की गई थी। जिसमें दस बेड पर रोगी भर्ती करने की सुविधा नक्शे में दर्शाई गई थी।
योजना बदली तो लगाया था धरना
उक्त योजना के बदलते ही टाउन के नागरिकों ने जिला अस्पताल के समक्ष धरना शुरू कर दिया। इनकी मांग थी कि जिला अस्पताल की इमारत को पूर्व में प्रस्तावित छह मंजिला किया जाए और नवां बाइपास पर निर्माणाधीण मेडिकल कॉलेज का बेस अस्पताल भी जिला अस्पताल को ही रखा जाए। इन मांगों को लेकर 90 दिन से अधिक धरना चला। जिसमें भाजपा के पदाधिकारियों ने भी समर्थन किया। इसके बाद जिला प्रशासन व धरने पर बैठे लोगों के बीच समझौता वार्ता हुई। जिसमें जिला अस्पताल में सौ बेड अतिरिक्त करते हुए 35 से 55 करोड़ रुपए का बजट पारित करने का आश्वासन दिया गया। लेकिन अभी तक आगामी कार्यवाही नहीं हुई।
उक्त योजना के बदलते ही टाउन के नागरिकों ने जिला अस्पताल के समक्ष धरना शुरू कर दिया। इनकी मांग थी कि जिला अस्पताल की इमारत को पूर्व में प्रस्तावित छह मंजिला किया जाए और नवां बाइपास पर निर्माणाधीण मेडिकल कॉलेज का बेस अस्पताल भी जिला अस्पताल को ही रखा जाए। इन मांगों को लेकर 90 दिन से अधिक धरना चला। जिसमें भाजपा के पदाधिकारियों ने भी समर्थन किया। इसके बाद जिला प्रशासन व धरने पर बैठे लोगों के बीच समझौता वार्ता हुई। जिसमें जिला अस्पताल में सौ बेड अतिरिक्त करते हुए 35 से 55 करोड़ रुपए का बजट पारित करने का आश्वासन दिया गया। लेकिन अभी तक आगामी कार्यवाही नहीं हुई।
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