
toilets
हनुमानगढ़.
स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान नंबर लेने बाद नगर परिषद को न तो शौचालय की व्यवस्था याद आ रही और न ही ओडीएफ करने के दावे। लिहाजा दो माह पहले 24 लाख की लागत से तैयार किए गए प्रीकास्ट शौचालय पूरी तरह दम तोड़ चुके हैं।जो सही थे, वहां नगर परिषद अधिकारियों की लापरवाही के कारण उपयोग में नहीं आ रहे। टाउन भद्रकाली मार्ग पर स्थित एसएल फैक्ट्री के पास नगर परिषद ने शोचालयों पर ताले ही जड़ दिए हैं।
हैरानी वाली बात है कि इन शौचालयों केसैफ्टी टैंक में वेस्टज पाइप तक डालना भूल गए। जिसकी वजह से टैंक ओवरफ्लो होने के साथ क्षतिग्रस्त भी हो गया। इसके अलावा इन पर लगे व पाइप भी कई जगह लीकेज हो गई थी।कुछ दिन पहले कंपनी की ओर से इनका मरम्मत भी किया। इसके बावजूद इन पर ताले लटके हुए हैं। इसी तरह बिहारी बस्ती में लगाए गए प्रीकास्ट शौचालयों के पास नगर परिषद इन दिनों नाले का निर्माण कर रही है। गहरा और बड़ा नाला होने के कारण आसपास की बस्ती के नागरिक शौचालयों में नहीं जा सकेंगे। इसकी वजह से दो माह के भीतर शौचालय पूरी जर्जर हो चुके हैं।
हैरत की बात है कि इस जगह पर नाला निकालना प्रस्तावित था, इसके बावजूद नगर परिषद ने शौचालयों का निर्माण किया। योजना का अभाव व अधिकारियों की लापरवाही के कारण इनका उपयोग भी नहीं हो पा रहा।उल्लेखनीय है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर परिषद ने डीएलबी से 24 लाख की लागत से टाउन के एफसीआई गोदाम के पास छह, भद्रकाली मार्ग पर स्थित एसएल फैक्ट्री के पास आठ, बिहारी बस्ती में चार, जंक्शन रिको क्षेत्र के पास चार व कल्याण भूमि के पास चार प्रीकास्ट शौचालय स्थापित किए थे लेकिन कई जगह सैफ्टी टैंक क्षतिग्रस्त व पाइपों में लीकेज आने की वजह से नगर परिषद आयुक्त ने कंपनी को पत्र के माध्यम से मरम्मत कराने के लिए नोटिस दिया था। मरम्मत के नाम पर केवल खानापूर्ति ही गई।
यह दिए थे आदेश
पानी कनेक्शन की पाइप कमजोर होने के कारण लीकेज की समस्या रहेगी। इसकी मरम्मत को लेकर नगर परिषद ने जयपुर की कंपनी को नोटिस जारी कर दो दिन का समय दिया है। इसमें बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्री-कास्ट सार्वजनिक शौचालय को फिक्सिंग करने कार्य पूर्ण नहीं किया गया। इस दौरान एसएल फैक्ट्री के पास बने शौचालय का सेफ्टी टैंक टूट चुका है। खुंजा बाइपास, रीको बाइपास पर स्थित रेडिमेड शौचालय, टाउन एफसीआई गोदाम के पास शौचालयों की पाइप फीटिंग टूट गई है और पाइप से लीकेज हो रहा है। इसे दो दिन के अंदर मरम्मत कराने के लिए नोटिस दिया था।
कर रहे भेदभाव
स्वच्छ भारत मिशन के तहत 26 रेडिमेड शौचालय के लिए 24 लाख रुपए खर्च किए गए। एक प्रीकास्ट शौचालय पर करीब 92 हजार रुपए की लागत का अनुमान है। हैरत की बात है कि राज्य सरकार घरों में शौचालय निर्माण के लिए प्रतिघर के मालिक को 12 हजार रुपए दे रही है। वह भी तीन किस्तों में, इसमें भी जिस जगह पर सीवरेज लाइन डाली जा चुकी है। वहां पर केवल चार-चार हजार की दो किस्तें जारी करने का प्रावधान है। इन किस्तों को जारी करने के लिए फोटो आदि दस्तावेज जमा कराने में नागरिकों को भारी मशक्कत करनी पड़ी। दूसरी तरफ शहर में 24 लाख की लागत से 26 रेडीमेड शौचालय स्थापित गए थे। जो अब पूरी तरह नकारा हो चुके हैं।
Published on:
25 Feb 2018 06:58 pm
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