
guru gobind singh birthday celebration
डबली राठान (हनुमानगढ) सिक्ख धर्म के प्रथम गुरु श्री गुर नानकदेव जी के जन्म दिवस गुर पूर्व के उपलक्ष्य मे अरोङवश समाज के गीता भवन गुरूद्वारा साहिब द्वारा कस्बे मे तीन दिन तक प्रभातफेरी का आयोजन किया जायेगा। प्रभात फेरी आयोजन के मुख्य कार्यकर्ता मोहित झाम्ब व दीपक मिढा ने बताया गुरुवार से प्रारभ प्रभात फेरी का प्रारंभ होगा, जिसका समापन गुर पूर्व के दिन शनिवार को होगा। प्रथम दिन प्रभात फेरी आज प्रातः काल पाचं बजे गीता भवन गुरुद्वारा साहिब से सतनाम वाहे गुरू का जाप कर, गुरू ग्रथं साहिब के समक्ष शीश निवा कर रवाना हुई।
प्रभात फेरी मे एक वाहन को रगं बिरगी रोशनीयो ,फरीयो आदि से सजा कर प्रभात फेरी के आगे आगे रवाना किया,पीछे पीछे श्रद्धालु पैदल चले। कस्बा गुरुवार को भक्ति के रगं मे ही रगं गया, प्रभात फेरी मे शामिल सगंतो के द्वारा सतगुरु नानक प्रगट हो आ, नाम खुमारी नानका, चढी रहे दिन रात आदि शब्द कीर्तन कस्बे मे गूजें। प्रभात फेरी मोलवी वास के वारड न.18,17,16,11,10 के मुख्य मार्गो से होती हुई, फोरलेन मार्ग से होकर बस अड्डा,रेलवे स्टेशन रोङ ,अनाज मङी के सामने से होकर वारड न.8 के गुरू द्वारा साहिब मे पहुंच विश्राम किया।
यहां गुरु द्वारा प्रबंधक कमेटी के सेवादारो द्वारा प्रभातफेरी मे शामिल साध सगंत का बोले सो निहाल,सत श्री अकाल से स्वागत कीया, और सगंतो को चाय नास्ता का लंगर ग्रहण करवाया। यहां से प्रभात फेरी रवाना हो कर राजीव चोक, ग्रामपंचायत भवन, एसबीआई बैक के सामने से होकर, अरोडवश धर्मशाला के पास से होती हुई गीता भवन गुरूद्वारा के समक्ष जा सम्पन्न हुई। प्रभात फेरी मे श्री दुर्गा सकीर्तन मडलं के ओमप्रकाश जुनेजा, विजय कुमार चराया, राज कुमार चुचरा सहित अन्य व बङी संख्या मे महिलाएं व बच्चे शामिल हुए।
गुरू नानक जयंती पर अनेक कार्यक्रम
गुर नानक जयंती के उपलक्ष्य मे गुरुवार को गीता भवन मे गुरू ग्रथं साहिब के अखंड पाठ का प्रकाश हुआ। अरोङवश समाज के धमेन्द्र बाघला बिट्टू ने बताया कि पाठ का भोग शनिवार को पडेगा, शब्द कीर्तन के बाद गुरु का अटूट लगंर बरताया जायेगा।
धर्म टुबङी व्रत
पाठी स्वर्ण सिहं ने बताया कि गुर नानक जयंती पर महिलाएं पति की र्दिघायु, परिवार की खुशाली ,सुख समद्धि की कामना के लिए व्रत रखती है, दोपहर को व्रत की महिमा श्रवण करती है।,सायं की बेला मे तालाब, नहर के किनारे जा कर जल देवता की पूजा अर्चना कर , डूबते सूर्य को अर्यद्ध करती है ।व्रत का समापन चद्रं दर्शन के बाद होता है।
Published on:
02 Nov 2017 03:52 pm
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