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बैसाखी के सहारे ‘हमारा भटनेर दुर्गÓ

locationहनुमानगढ़Published: Nov 29, 2020 08:35:34 pm

Submitted by:

adrish khan

मरम्मत में खानापूर्ति, कभी हो सकता है हादसा
हनुमानगढ़. अभेद कहलाने वाला भटनेर किला आज जर्जर होकर बैसाखियों के सहारे टिका हुआ है।

बैसाखी के सहारे 'हमारा भटनेर दुर्गÓ

बैसाखी के सहारे ‘हमारा भटनेर दुर्गÓ


बैसाखी के सहारे ‘हमारा भटनेर दुर्गÓ
– पांच साल से अधिक समय से भटनेर दुर्ग का द्वार क्षतिग्रस्त
– मरम्मत में खानापूर्ति, कभी हो सकता है हादसा

हनुमानगढ़. अभेद कहलाने वाला भटनेर किला आज जर्जर होकर बैसाखियों के सहारे टिका हुआ है। दुर्ग के दूसरे मुख्य द्वार व गलियारे में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ी हैं, जो समय के साथ बढ़ती जा रही है। पिछले करीब पांच साल से यह हाल है। इसकी मरम्मत के बजाय दीवार व द्वार को थामने के लिए हर साल लोहे की पाइपों की संख्या बढ़ा दी जाती है। इनके सहारे टिकी क्षतिग्रस्त दीवारें तथा ‘द्वार क्षतिग्रस्त है। शटरिंग के पाइपों के बीच से गुजर कर दुर्ग में जाना लोगों की नियति सा की बन गया है।
क्योंकि लगभग पांच साल पहले द्वार में दरारें आई थी, जो समय के साथ बढ़ती जा रही है। इसके बावजूद मरम्मत के लिए कोई ठोस कार्य नहीं हुआ। इस द्वार से रोजाना सैकड़ों लोग आवागमन करते हैं। किले में प्रवेश का यही एक द्वार होने की वजह से इसे बंद करना भी संभव नहीं है। ऐसे में अगर समय रहते क्षतिग्रस्त द्वार की संभाल नहीं की गई तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। मजे की बात यह है कि पांच साल पहले जब द्वार में दरारें आई थी तो पुरातत्व विभाग ने केवल चेतावनी का सूचना पट्ट लगाकर जिम्मेदारी पूरी कर ली। इसकी मरम्मत की कवायद शुरू नहीं की। बाद में दरारें और ज्यादा फैल गई तो इसे गिरने से बचाने के लिए लोहे के पाइप लगाए गए।
सैकडों आते रोज
किला देखने व यहां बने पार्क में घूमने के लिए हर रोज बड़ी संख्या में लोगबाग आते हैं। इसके अलावा मंदिर परिसर में आधा दर्जन से अधिक विभिन्न देवी-देवताओं के मंदिर हैं। एक दरगाह भी किले में है। इस तरह दुर्ग में सुबह से लेकर शाम तक सप्ताह के हर दिन सैकड़ों श्रद्धालु आते हैं।
जर्जर हो रहा किला
भटनेर दुर्ग में करीब साठ से अधिक बुर्ज हैं। इसमें जो बिहारी बस्ती तथा बरकत कॉलोनी की तरफ बुर्ज हैं, उनमें डेढ़ दर्जन से ज्यादा बुर्ज खस्ताहाल हैं। एक बुर्ज तो पांच साल पहले ही ढही थी। बुर्ज ढहने से एक तरफ जहां धरोहर जीर्ण-शीर्ण होती जा रही है, वहीं आसपास के घरों की निजता भी भंग होती है। मरम्मत की हालत यह है कि गत वर्ष में बाउंड्री का निर्माण किया गया है। दुर्ग की मेगा हाइवे की तरफ लगने वाली बुर्ज दुरुस्त करवाई गई है। दो वर्ष से कोई मरम्मत कार्य नहीं हुआ।

धांधली का आरोप
भटनेर दुर्ग के लिए जो बजट आवंटित होता है, उसका उपयोग सही तरीके से निर्माण आदि पर नहीं हो पाता। इसलिए किले की बदहाली वर्षों बाद भी दूर नहीं हो सकी है। दो वर्ष किले में फुटपाथ का निर्माण किया जा रहा था। इस दौरान स्थानीय नागरिकों ने अमानक समाग्री लगाने का आरोप लगाया था। इसके बाद निर्माण एजेंसी ने कार्य बंद कर दिया। तब से लेकर आज तक दोबारा मरम्मत कार्य कार्य शुरू नहीं किया। वहीं किलो की पीछे के तरफ के बुर्ज पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। कच्ची बस्ती के लोग बुर्ज के जरिए आसानी से भीतर प्रवेश कर सकते हैं।

सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कर लगाया ताला
पुरातत्व विभाग ने हाल ही में भटनेर दुर्ग की बाउंड्री में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण करवाया है। लेकिन निर्माण के बाद से ताला लटका हुआ है। आमजनता के इस्तेमाल के लिए अभी तक ताला खौला तक नहीं है। आसपास के नागरिकों की माने तो जब शौचालय पर ताला ही लगाना था तो लाखों रुपए लगाकर इसका निर्माण क्यों किया गया।
ये संस्था कर रही रख-रखाव
भटनेर दुर्ग में भटनेर पयार्वरण संरक्षण समिति की ओर से पार्क की सार-संभाल की जा रही है। यह वजह है कि सुबह व शाम को पार्क में घूमने के लिए बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक जाते हैं। इस समिति के सदस्य पिछले कई वर्षों से पार्क में श्रमदान कर रहे हैं।

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