
हापुड स्थित कैला देवी मंदिर में स्थापित देवी की प्रतिमा।
Sharadiya Navratri 2023: मां कैला देवी मंदिर का पुराना इतिहास है। बताया जाता है कि देश में मां कैला के दो ही मंदिर हैं। पहला राजस्थान में और दूसरा संभल के भूड़ इलाके में। लेकिन कैला देवी का एक और तीसरा मंदिर यूपी के हापुड में स्थित है। इस मंदिर का इतिहास भी काफी पुराना बताया जाता है। कहा जाता है कि करीब 80 साल पहले हापुड दिल्ली मार्ग पर चारों ओर जंगल ही जंगल था। इन्हीं जंगलों के बीच में एक छोटा सा मंदिर था। इस मंदिर में एक साधु रहा करते थे जो कैला देवी के उपासक थे। उन्होंने की इस मंदिर में कैला देवी की स्थापना की थी।
काफी बदल गया मंदिर का स्वरूप लेकिन मान्यता बरकरार
उसके बाद से मंदिर का स्वरूप काफी बदल गया है। कहा जाता है कि कैला देवी की मान्यता और देवी में आस्था और प्रगाढ होती जा रही है। मंदिर में नवरात्र के मौके पर सैकड़ों की संख्या में भक्तों की भारी भीड़ जुटती है। कहा जाता है कि भक्त मंदिर में नंगे पैर चलकर दर्शन के लिए आते हैं। पूरे नौ दिन जो भक्त कैला देवी मां के दर्शन करता है और उनकी पूजा करता है देवी उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
तड़के से मंदिरों में भक्तों का आना शुरू
नवरात्र पर कैला देवी मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। तड़के से मंदिरों में भक्तों का आना शुरू हो जाता था। लोगों ने पूजा-अर्चना कर कैला देवी से आर्शिवाद लेकर मन्नत मांगते हैं। पूरे दिन मंदिर में भक्तों की भीड़ जुटी रहती है। सुबह होते ही बड़ी संख्या में हापुड और आसपास क्षेत्र के भक्त नंगे पांव मां के दर्शन करने के लिए मंदिर आते हैं।
Published on:
16 Oct 2023 10:05 am
बड़ी खबरें
View Allहापुड़
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
