
CPR एक जीवनरक्षक प्राथमिक चिकित्सा प्रक्रिया
World Heart Day 2023: डॉक्टरों के अनुसार हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के बढ़ते मामलों के लिए लाइफस्टाइल और खानपान गड़बड़ी जिम्मेदार है। सभी के लिए हृदय स्वास्थ्य के जोखिम कारकों से बचाव के लिए जरूरी है। हार्ट अटैक के शिकार 28 प्रतिशत लोगों की मौत होती है। हृदय रोग चिकित्सक डॉ. सजीव खरे के अनुसार अगर समय रहते कुछ सावधानियां बरती जाएं तो रोगी की जान बचाई जा सकती है। ऐसे में सीपीआर एक जान बचाने वाली प्रक्रिया है। जिसको हार्ट अटैक के बाद समय रहते प्रयोग में लाए जाने से आर्ट अटैक मृत्यु के खतरे को कम किया जा सकता है।
ये सीपीआर क्या है और हार्ट अटैक की स्थिति में क्या लाभ हैं?
डॉ. संजीव खरे कहते हैं कि कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) जीवनरक्षक तकनीक है। जो हार्ट अटैक जैसी आपात स्थितियों में जीवनरक्षक साबित होती है। सांस या दिल की धड़कन रुकने की स्थिति में समय रहते रोगी को सीपीआर दिया जाए तो मौत के खतरे कम हो जाते है।
सीपीआर देने से रक्त संचार के ठीक बनाए रखने में मदद मिल सकती है। इसमें 100-120/मिनट की दर से छाती को दबाया जाता है। इसके लिए दोनों हाथों को इस प्रकार से जोड़ें। जिससे हथेली का निचला हिस्सा छाती पर आए। इसे हथेली को छाती के केंद्र के निचले आधे हिस्से पर रखकर दबाएं। छाती को 5 सेमी तक संकुचित करें। बहुत तेज दबाव न डालें। इस विधि शरीर के अंगों को ऑक्सीजन रक्त मिलता है और ऑर्गन फेलियर के खतरे को कम किया जा सकता है।
CPR एक जीवनरक्षक प्राथमिक चिकित्सा प्रक्रिया
डॉ. संजीव खरे कहते हैं कि सीपीआर जीवनरक्षक प्राथमिक चिकित्सा प्रक्रिया है। हार्ट अटैक जैसी स्थितियों में जल्द से जल्द दिया जाना चाहिए। ध्यान रखना जरूरी कि रोगी शिशु है बच्चा है या वयस्क, इसके आधार पर सीपीआर के चरण अलग-अलग होते हैं। छाती को दबाने के साथ सांसों पर ध्यान देते रहना चाहिए। सीपीआर का उपयोग तभी करें जब रोगी ने सांस लेना बंद कर दिया हो। सीपीआर शुरू करने से पहले व्यक्ति की जांच करें कि वे प्रतिक्रिया कर रहे हैं या नहीं।
Updated on:
29 Sept 2023 08:32 am
Published on:
29 Sept 2023 08:31 am
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