नाटक की मदद से बताया कैसे बचें सायबर अपराधों से हरदा.तकनीक के इस दौर में सुविधा का सावधानी से उपयोग नहीं करने पर वह परेशानी कारण भी बन जाती है। हम छाेटी छोटी बातों और उपाय का ध्यान रखकर सायबर अपराध से काफी हद तक बच सकते हैं। यह संदेश और समझाइश एक्सीलेंस हायर सेकंडरी स्कूल में शनिवार नई सायबर सखियों के लिए आयोजित ट्रेनिंग के दौरान लघु नाटक के जरिए दी गई।
---गांव और शहरों में अपने अपने आसपास की महिलाओं को सायबर अपराधों के प्रति जागरुक करने के लिए शनिवार को जिला व पुलिस प्रशासन ने सायबर सखी जागरुकता ट्रेनिंग कार्यक्रम रखा। इसमें कई सायबर सखियां शामिल हुईं। जिन्हें छोटे छोटे टिप्स देने के लिए जागरुक करने वाला लघु नाटक तैयार किया गया। जिसकी मदद से सखियों को उपयोगी जानकारी व बचाव के टिप्स बताए गए। इसमें बताया गया कि किस तरह अपने जन्म तारीख व अन्य सरल नंबरों के कॉमन पासवर्ड रखने से सायबर अपराध हुआ। इससे बचाव के लिए मेल आईडी,एटीएम के पासवर्ड और अन्य पासवर्ड कठिन रखना चाहिए। यह किसी से शेयर नहीं करना चाहिए। इन्हें कहीं लिखकर भी नहीं रखना चाहिए।
सुविधा है लेकिन जागरुकता भी जरुरी:
कलेक्टर ने कहा कि टेक्नॉलाजी हमें बहुत सी सुविधा तो देती है, लेकिन जागरूकता के अभाव में टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग कर अपराध भी बढ़ते जा रहे हैे। इसके लिये हमें विशेषकर महिलाओं व बच्चों को सशक्त होने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि यह अभियान केवल बच्चों के लिए है, बल्कि यह बड़ों के लिए भी है, क्योंकि टेक्नोलॉजी जिस हिसाब से बढ़ रही है, चाहे वह सोशल मीडिया हो या अन्य, सबके लिए यह प्रशिक्षण जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण में बताई गई बातों को ध्यान से सीखें, और यदि आपके या परिवारजनों के साथ ऐसी कोई घटनाएं घटित हो तो अपने नज़दीकी पुलिस थाने या हेल्पलाइन नंबर पर काल कर इस संबंध में जानकारी दें।
यहां दें सूचना:
भारत सरकार के हेल्प लाइन नंबर 1930 व मेल आईडी cybercrime.gov.in के बारे में जानकारी भी दी।