
Conditions of illegal colonies deteriorated in the rain, mud and dirty water in every street
शहर में 35 वार्ड हैं। इनमें करीब 80 हजार की आबादी रहती है। नगर सीमा के इन वार्डों में 30 अवैध कॉलोनियां हैं। इनमें करीब 35 हजार लोग रहते हैं। इनमें से ज्यादातर कॉलोनियों में आने जाने के लिए पक्की रोड नहीं है। पानी की निकासी के लिए नालियां नहीं हैं। पीने के साफ पानी की अभी कई जगह सुविधा नहीं है। रात में स्ट्रीट लाइट के इंतजाम नहीं हैं। कई लोगों ने प्लॉट ले रखें हैं,जिनमें 4 माह बरसाती पानी भरा रहता है,जो कई बीमारियों का कारण बनता है।
केस-1
छीपानेर रोड किनारे विकासनगर कॉलोनी की हालत सबसे ज्यादा बदतर है। यहां बरसात में लोगों के घरों की सामने की गलियों में ही पानी भरा रहता है। रोज सुबह बाहर निकलते ही सभी को पहला कदम पानी में ही रखना पड़ता है। छोटे बच्चों को गोद में लेकर मेन रास्ते तक आना पड़ता है। पानी की निकासी नालियां नहीं हैं,ऐसे में खाली प्लॉटों का पानी ओवरफ्लो होकर गलियों में बहता है।
केस-1
छीपानेर रोड किनारे विकासनगर कॉलोनी की हालत सबसे ज्यादा बदतर है। यहां बरसात में लोगों के घरों की सामने की गलियों में ही पानी भरा रहता है। रोज सुबह बाहर निकलते ही सभी को पहला कदम पानी में ही रखना पड़ता है। छोटे बच्चों को गोद में लेकर मेन रास्ते तक आना पड़ता है। पानी की निकासी नालियां नहीं हैं,ऐसे में खाली प्लॉटों का पानी ओवरफ्लो होकर गलियों में बहता है।
केस-2
वार्ड 34 की रामानंद कॉलोनी के हालत भी दयनीय है। यहां कॉलोनी की गली के मुहाने से आखिरी घर तक जाने के लिए बना रास्ता बारिश में पूरा डूब जाता है। जरा सी तेज बारिश में लोगों के घरों के ढेहरी तक पानी लग जाता है। इन रास्ते पर बने गडढे बारिश में डूबने से पता ही नहीं लगते,जिससे रात के अंधेेरे में वाहनों के गिरने व लोगों के घायल होने की आशंका बनी रहती है।
केस-3
महारानी लक्ष्मीबाई वार्ड 28 की सकूर सत्तार कॉलोनी के हालात भी हर साल बारिश में बिगड़ जाते हैं। नपा ने एक दो गलियों में पक्की रोड व नाली बना दी। अब खाली प्लॉटों के पानी का बहाव रुक गया है। जिससे मच्छर व जहरीले जीव जंतुओं के पनपने का खतरा बढ़ने लगा है। जोशी कॉलोनी,सादानी कॉलोनी में भी यही हाल हैं। प्रताप कॉलोनी,प्रज्ञानगर,मदीना कॉलोनी,गोर कॉलोनी में भी ऐसी स्थिति है।
5 साल में दूसरी बार वैधता की कवायद:
अवैध काॅलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया 5 साल में दूसरी बार हो रही है। बीते विस चुनाव में 2018 में भी तत्कालीन कलेेक्टर एस.विश्वनाथन के समय भी 28 कॉलोनियों को नियमित करने के लिए इश्तहार प्रकाशन हुआ था। दावे आपत्ति बुलाए गए। फिर चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी। इस साल के अंत में फिर विस चुनाव हैं,एक बार फिर प्रशासन ने यही कवायद शुरू की है,कब तक क्या होगा यह भविष्य बताएगा।
5 साल में दूसरी बार वैधता की कवायद:
अवैध काॅलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया 5 साल में दूसरी बार हो रही है। बीते विस चुनाव में 2018 में भी तत्कालीन कलेेक्टर एस.विश्वनाथन के समय भी 28 कॉलोनियों को नियमित करने के लिए इश्तहार प्रकाशन हुआ था। दावे आपत्ति बुलाए गए। फिर चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी। इस साल के अंत में फिर विस चुनाव हैं,एक बार फिर प्रशासन ने यही कवायद शुरू की है,कब तक क्या होगा यह भविष्य बताएगा।
लोग की पीड़ा...
हम औरों की तरह पॉश कॉलोनियों में महंगे प्लॉट नहीं ले सकते थे,इस कारण अपनी हैसियत के अनुसार सिर छिपाने की जगह खरीदकर जैसे तैसे मकान बना लिया। हर चुनाव में नेता वोट मांगने आते हैं। परेशानी बताओ तो पूरी बात सुनने से पहले ही हल करने का विश्वास देकर चले जाते हैं।
-ललिता बाई,गृहिणी
कॉलोनियों को वैध करने की बात चुनाव से पहले ही सुनने को मिलती है। बीच के साढ़े 4 साल कोई कभी हमारी सुध लेने नहीं आता है। बरसात के चार महीनों में तकलीफ ज्यादा रहती है। इसी उम्मीद में रह रहे हैं कि कभी तो शासन प्रशासन को हम पर तरस आएगा।
-सुभद्रा बाई,मजदूर
कॉलोनी में प्लाॅट बेचते समय कॉलोनाइजर ने कहा कि था सारी सुविधा देंगे। नपा के पास उनके प्लॉट बंधक है यदि कॉलोनाइजर सुविधा नहीं देगा तो नपा उसे बेचकर यह सुविधा दिलाएगी,लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। प्रशासन भी कार्रवाई नहीं करता।
-संतोषी बाई,बुजुर्ग
इनका कहना है
अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू हुई है। दावे आपत्ति बुलाए हैं। इसके बाद नक्शों का प्रकाशन होगा। फिर नियमानुसार आगे कार्रवाई बढ़ेगी।
-जीके यादव,सीएमओ,हरदा
Published on:
30 Jul 2023 04:32 pm
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