
खिरकिया. छीपाबड़ एवं खिरकिया को मिलाकर नगर पंचायत बनाई गई है। इसके बाद छीपाबड़ खिरकिया का उपनगर कहलाने लगा है। जहां जनसंख्या वृद्धि के साथ विकास भी हुआ, लेकिन बस यात्रियों के लिए छीपाबड़ में किसी भी प्रकार कर व्यवस्था नहीं कराई जा सकी है। जबकि विकासखंड का बड़ा हिस्सा छीपाबड़ से जुड़ा हुआ है। जहां से कई गांवों तक पहुंचने के मार्ग लगे हुए है। सभी बसें भी छीपाबड़ से होकर ही गुजरती है, लेकिन यहां बस स्टैंड तक का निर्माण न होना, एक बड़ी कमी है। जो कि यात्रियों को काफी खलती है। बस स्टैंड तो दूर की बात छोटा सा बस स्टॉप तक नहीं है। ऐसे में यात्री बसों का इंतजार करने के लिए यहां वहां सिर तो छिपा लेते है, लेेकिन उन्हें सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ता है। यात्रियों के लिए पेयजल से लेकर शौचालय तक किसी भी प्रकार की सुविधा छीपाबड़ में नही है। जिससे बस यात्रियों को परेशान होना पडता है। नगर परिषद के गठन को वर्षो बीत गए है, लेकिन अब तक नगर परिषद छीपाबड़ में बस स्टैंड का निर्माण नहीं करा सकी।
मार्ग किनारे खड़ेे होकर इंतजार करते है यात्री-
छीपाबड़ में बस स्टैंड तो नही है, लेकिन बस चालकों द्वारा अपने हिसाब से बस स्टॉप बना लिया गया है। जहां पर बसें खड़ी रहती है, वहीं मार्ग के किनारे यात्री खड़े होकर बसों का इंतजार करे है। छीपाबड़ में थाने चौराहे पर बसों को खड़ा किया जाता है, यह चौराहा वैकल्पिक बस स्टैंड का कार्य कर रहा है। जहां पर छीपाबड़ चौराहे से जुड़े चारूवा मार्ग, हरदा रोड, खंडवा रोड सहित नगर के बस स्टैंड से जाने वाली बसें खड़ी होती है। कई यात्री इन बसों से यात्रा करने के लिए इस चौराहे पर ही खड़े रहते है। करीब एक सैकड़ा से अधिक बसों का आवागमन यहां से होता है। वहीं स्टेट हाईवे भी जुड़ा होने के कारण विकासखंड के अन्य गांवों की ओर जाने के लिए यात्री यही उतर जाते है, इसके बाद वे यहां से बस पकड़कर गांवों की यात्रा करते है, जिन्हे भी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है।
न पेयजल, न बैठक व्यवस्था, शौचालय भी दूर-
इस वैकल्पिक स्थान पर नगर परिषद द्वारा यात्रियों की सुविधाओं से संबंधित कोई व्यवस्था नहीं की गई है। यहां न तो पेयजल व्यवस्था है, और न ही बैठक व्यवस्था है। पूर्व में कई बार यात्री प्रतीक्षालय के निर्माण की मांग भी उठ चुकी है। यहां छोटा यात्री प्रतीक्षालय बनाकर व्यवस्था की जा सकती है। वहीं पेयजल के लिए किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है। बस स्टैंड के नाम पर कोई शौचालय नहीं है, यात्रियों को काफी दूरी पर स्थित शौचालय का उपयोग करना पड़ता है, ऐसे में कई बार यात्रियों की बसें भी छूट जाती है। धूप से बचने के लिए यात्रियों को पेड़ों, एवं दुकानों के नीचे बैठकर सिर छिपाना पड़ रहा है। पानी के लिए भी यहां वहां भटकना पड़ता है। महिलाओं को सबसे अधिक दिक्कतें होती है।
कई गांवों से जुड़ा है छीपाबड़ -
विकासखंड का अधिकांश हिस्सा छीपाबड़ से जुड़ा हुआ है। गांवों में जाने के लिए छीपाबड़ से होकर ही गुजरना पड़ता है, ऐसे में नगर के इस उपनगर में बस स्टैंड जैसी सुविधाएं नहीं है। यहां से चारूवा, मोरगढ़ी, पहटकलां जैसे बड़े क्षेत्र के मार्ग लगे हुए है। जहां से एक सैकड़ा गांवों तक पहुंचा जा सकता है। पोखरनी, मुहाल, मांदला जैसे गांव स्टेट हाईवे से लगे हुए है। ऐसे मे छीपाबड़ काफी महत्वपूर्ण भाग है, जहां पर बस स्टैंड की आवश्यक है। यात्रियों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना चाहिए। इस पर नगर परिषद को ध्यान देना जरूरी है।
इनका कहना है
छीपाबड़ में बस स्टॉप पर यात्रियों को धूप एवं बारिश से बचने के लिए शेड सहित पेयजल एवं शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
ए आर सांवरे, सीएमओ, नपं खिरकिया
Published on:
25 Apr 2018 08:39 pm
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