19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मालवा कबीर यात्रा में भु-वाणी बैंड की लड़कियों के स्वरों से गूंजे संतों के गीत,दाेहे

  देश में पहली बार हुआ आयाेजन,पुरुषों की संगत,युवतियों ने संभाला मंच हरदा। मालवा कबीर यात्रा का देवास जिले के पांदा गांव में पहली बार आयोजन हुआ। इसमें हरदा के युवा गायक कलाकारों के भु-वाणी बैंड की टीम ने कबीर सहित कई संतों के भजन,दोहे और गीत सुनाए। पारंपरिक वादय यंत्रों की धुन और थाप पर सर्द बयार के बीच देर शाम से अलसुबह तक चले संगीत उत्सव में हरदा के युवा कलाकारों की गायकी व वादन ने कार्यक्रम को नई उंचाई दी।

less than 1 minute read
Google source verification

हरदा

image

Mahesh bhawre

Mar 07, 2023

मालवा कबीर यात्रा में भु-वाणी बैंड की लड़कियों के स्वरों से गूंजे संतों के गीत,दाेहे

In the Malwa Kabir Yatra, the songs of the saints echoed with the voices of the girls of the Bhu-Vani band, Dahe


---बदले मौसम के बीच तय समय पर शुरू हुए कार्यक्रम को सुनने के लिए मालवांचल के अनेक संगीत प्रेमी श्रोता जमा हुए। देश में पहली बार हुए मालवा कबीर यात्रा में हरदा के कलाकारों ने भी शिरकत की। इसमें भू-वाणी बैंड की लड़कियों ने शानदार गायन पेश किया। गीत संगीत के इस उत्सव में झलक महंत के नेतृत्व में शिवानी गौर, प्रियंका मालवीय, यश तिवारी, रूबल, प्रतीक, अनुज महंत ने संविधान मूल्य आधारित निर्गुणी भजनों की प्रस्तुति दी। लड़कियों के गाए कबीर भजन ए मन मुसाफिर तुझको जाना पड़ेगा के माध्यम से श्रोताओं ने मानव जीवन का मर्म और महत्व समझा। कर्णप्रिय गायकी ने समूचे सदन को भक्तिरस की वर्षा की।इसमें ख्यात कबीर गायक पद्मश्री प्रहलाद टिपाणिया और कालूराम बामनिया ने कबीर गायन से समाज परिवर्तन पर अपने विचार रखे। साथ ही नई पीढ़ी की महिलाओं को आगे लाने वाली विचारधारा का समर्थन किया।


बदला हुआ था मंच का नजारा:
आमतौर पर जब भी कबीर गायन या अन्य लोकगायन की बात होती है तो मंच पर रंग बिरंगे साफे बांधे हाथ में तंबूरा थामे और हारमोनियम लिए पुरुष ही नजर आते हैं। मालवा में सजे भजनों के इस मंच पर नजारा इससे अलग था। हरदा से पांदा गांव पहुंची मालवा महिला कबीर यात्रा में महिलाओं ने मंच संभाला। कबीर सहित अन्य प्रसिद्ध संत कवियों की रचनाएं अलग अंदाज में सुनाई। यहां पुरुष वादय यंत्रों पर उन्हें संगत दे रहे थे।इस कार्यक्रम को धरती की बानी हेलियों ( सहेलियों ) की जुबानी नाम दिया गया। एकलव्य संस्था ने कबीर जनविकास समूह, कबीर सेवा संस्थान और नगर पंचायत टोंकखर्द के सहयोग से आयोजन किया।