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कुर्मी और कुड़मी एक ही जाति के दो नाम, नहीं मिल रहा आरक्षण का लाभ

कैबिनेट मंत्री से मुलाकात कर बताई समस्या

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कुर्मी और कुड़मी एक ही जाति के दो नाम, नहीं मिल रहा आरक्षण का लाभ

कुर्मी और कुड़मी एक ही जाति के दो नाम, नहीं मिल रहा आरक्षण का लाभ

बालागांव. भाजपा नेताओं ने भोपाल पहुंचकर कृषि मंत्री से मुलाकात कर क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया। भाजपा ग्रामीण मंडल नेता दिलीप गौर ने बताया कि मंत्री कमल पटेल से मोरन गंजाल सिंचाई परियोजना, कुर्मी क्षत्रिय गौर समाज को आरक्षण का लाभ देने, माचक नदी पर पुल निर्माण, फसल बीमा, मुआवजा, समर्थन मूल्य सहित अन्य विषयों चर्चा की। जिस पर मंत्री पटेल ने शीघ्र निराकरण करने का आश्वासन दिया।
क्या है कुर्मी और कुड़मी समाज का मामला-
गौर ने बताया कि मप्र कुर्मी क्षत्रिय गौर समाज अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत आती है। इसमे केंद्र स्तर पर शासन द्वारा पिछड़ा वर्ग की सूची अनुसार कुर्मी 39 नंबर पर दर्ज है, जबकि कुड़मी जाति राज्य स्तर पर पिछड़ा वर्ग की सूची में 76 नंबर पर हैै। इसका लाभ सिर्फ राज्य स्तर पर छात्र छात्राओं को मिल पाता है।जबकि कुर्मी और कुड़मी समाज दोनों जाति एक ही है। कुर्मी समाज जिले में 35 से अधिक गांव में निवासरत है। जिन्हें पिछड़ा वर्ग में मान्यता प्राप्त है। किंतु ग्रामीण बोलचाल की भाषा के आधार पर हरदा जिले में अधिकांश ग्रामों के राजस्व रिकॉर्ड में कुर्मी की जगह कुड़मी दर्ज है, जो कि राज्य में पिछड़ा वर्ग में दर्ज है। भारत सरकार की पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल नहीं किया गया है, जबकि वास्तविक में कुड़मी और कुर्मी एक ही जाति के 2 नाम है। मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग की जारी सूची अनुसार क्रमांक 76 पर जो एकमात्र कुड़मी जाति दर्ज है उसे वहां से विलोपित कर क्रमांक 39 समायोजित की जाना चाहिए। समाज एक ही जाती कुर्मी माना जा सके। मामले को लेकर सांसद दुर्गादास उईके को समाज के जिला संगठन के जिलाध्यक्ष माखनलाल पटेल ने भी अवगत कराया था। जिस पर उन्होंने भी इस समस्या का निदान कराने की बात कही थी।