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बाढ़ में डूब जाती थी मढ़िया,शनि भक्तों ने मंदिर बनाकर उपर लगवाई मूर्ति

हरदा। जतरा पड़ाव क्षेत्र में अजनाल नदी किनारे स्थित करीब 7 दशक पुराना शनि मंदिर पहले पेड के नीचे मिटटी की छोटी सी मढ़िया के रुप में था। यहां लगी मूर्ति अजनाल नदी से ही निकली थी। तेज बारिश में बाढ़ आने पर मंदिर डूब जाता है। ऐसे में शनि भक्त शनिवार और विशेष अवसरों पर शनि देवता के दर्शन नहीं कर पाते थे। इसे देखते हुए भक्तों ने 2004 में आकर्षक मंदिर का निर्माण कराया। जिसमें आगरा से तराशकर बुलाई गई मूर्ति मंदिर के उपर लगाई गई,जिससे बाढ़ में दर्शन किए जा सकें।

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हरदा

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Mahesh bhawre

May 18, 2023

 बाढ़ में डूब जाती थी मढ़िया,शनि भक्तों ने मंदिर बनाकर उपर लगवाई मूर्ति

Madhiya used to drown in flood, Shani devotees built a temple and installed the idol on it.,Madhiya used to drown in flood, Shani devotees built a temple and installed the idol on it.,Madhiya used to drown in flood, Shani devotees built a temple and installed the idol on it.


---बाजार क्षेत्र में बना शनि देवता का मंदिर करीब 70 साल पुराना है। बीते 20 साल से मंदिर में पुजारी जिम्मेदारी संभाल रहे नंदा जोशी बताते हैं कि पहले यहां पेड के नीचे मिटटी की मढ़िया था। वे बताते हैं कि पहले यहां की व्यवस्था उनके ससुर देवराम जोशी देखते थे। तब शनि भगवान की मूर्ति अजनाल नदी के पानी से निकली थी,जिसे जो मढिया में विराजित थी। उन्होंने बताया कि गुजरते समय के साथ तेज बारिश के दौरान अजनाल के उफान आने से बाढ़ के हालात बनने लगे। इस दौरान मूर्ति चार महीनों में अधिकांश समय मंदिर डूबने से डूबी रहती थी। ऐसे में शनि भक्त पूजन व दर्शन नहीं कर पाते थे।


उपर लगाई मूर्ति
यहां हमेशा दर्शन पूजन के लिए आने और शनि देवता में आस्था रखने वाले उपासकों ने आपसी सहयोग से साल 2004 में मंदिर का नव निर्माण कराया। लेकिन बाढ़ की समस्या खत्म होना संभव नहीं था। ऐसे में शनि देवता की आगरा से बुलाई नई मूर्ति स्थापना मंदिर के उपर की गई,जिससे बाढ़ व तेज बारिश में भी शनिवार और अन्य अवसरों पर भक्तों को बिना दर्शन किए निराश न लौटना पड़े।


हवन,अभिषेक के बाद भंडारा आज:

मंदिर से जुड़े सेवक सुनील राजपूत ने बताया कि शनि जयंती के मौके पर शुक्रवार रात 12 बजे से 3 बजे तक श्री सिद्ध नवग्रह शनि मंदिर शनिधाम में शनि देव महाराज का सरसों के तेल से अभिषेक होगा। ब्रम्ह मुहूर्त में दूध,दही,शहद,घी,जल से स्नान कर श्रंगार किया जाएगा। यज्ञ कुंड में शनि मंत्र उच्चारण कर विश्व कल्याण की कामना की जाएगी। 12 बजे महाआरती के बाद भंडारा होगा।