विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को भाजपा ने 5 वीं सूची जारी कर दी है। इसमें एसटी के आरक्षित टिमरनी सीट पर भाजपा ने लगातार तीसरी बार संजय शाह पर भरोसा जताते हुए टिकट दिया। उनका मुकाबला भतीजे अभिजीत शाह से होगा। दोनों 2018 के चुनाव में आमने-सामने थे, जिसमें संजय शाह कुछ वोटों के अंतर से जीते थे।
हरदा. विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को भाजपा ने 5 वीं सूची जारी कर दी है। इसमें एसटी के आरक्षित टिमरनी सीट पर भाजपा ने लगातार तीसरी बार संजय शाह पर भरोसा जताते हुए टिकट दिया। उनका मुकाबला भतीजे अभिजीत शाह से होगा। दोनों 2018 के चुनाव में आमने-सामने थे, जिसमें संजय शाह कुछ वोटों के अंतर से जीते थे। इसी प्रकार हरदा विधानसभा में भी कांग्रेस से आरके दोगने और भाजपा से कमल पटेल के बीच ही सीधी टक्कर है। दोनों ही पार्टियों ने दोनों विधानसभा में पुराने चेहरों को उतारा है।
वहीं आदिवासी बहुल टिमरनी विधानसभा से जय युवा आदिवासी शक्ति जयस ने जय कुमार उइके को प्रत्याशी बनाया है। आम आदमी पार्टी से आनंद जाट के नाम की संभावना है। पहले दिन कोई नामांकन दाखिल नहीं हुआ। हलांकि नामांकन दाखिल करने की तारीख 30 अक्टूबर है।
हरदा विधानसभा
कमल और दोगने तीसरी बार आमने-सामने होंगे
हरदा विस में कांग्रेस से डॉ.आरके दोगने और कमल पटेल के बीच तीसरा चुनाव होगा। 2013 में दोनों पहली बार आमने सामने हुए। जिसमें दोगने ने कमल पटेल को 4600 वोटों से हराया। 2018 में फिर दोनों आमने सामने थे। पटेल ने इस बार दोगने से 6667 अधिक वोट पाकर चुनाव जीता था।
टिमरनी विधानसभा
संजय और अभिजीत के बीच फिर होगा मुकाबला
टिमरनी विधानसभा एसटी के लिए आरक्षित है। 10 साल से यह सीट भाजपा के कब्जे में है। यहां 2008 में पहला चुनाव संजय शाह निर्दलीय जीते। 2013 और 2018 में भाजपा ने टिकट दिया। दोनों चुनाव जीते। इधर कांग्रेस प्रत्याशी अभिजीत शाह ने 2018 में पहली बार विस चुनाव लड़ा। वे केवल 2213 वोटों से हारे थे।
चारों चेहरे पुराने, लेकिन समय की कमी बनेगी चुनौती
दोनों विस में चारों चेहरे पुराने हैं। 9 अक्टूबर की चौथी सूची में भाजपा ने कमल पटेल का नाम दिया। 5 वीं में संजय शाह को रखा। कांग्रेस ने नवरात्र के पहले दिन पहली सूची में आरके दोगने व टिमरनी से अभिजीत शाह का नाम पहली सूची में रखा।
इस बार सभी को समय कम मिला है। ऐसे में एक-एक बार हर वोटर तक पहुंचना भी चुनौती से कम नहीं है। चलने के बजाय दौड़ लगाने की स्थिति बन रही है। इसके अलावा अंसतुष्टों को मनाना, अंदरुनी कलह से निपटना तथा बगावत कर निर्दलीय उतरने वालों से पार पाना अलग माथापच्ची का काम है।