21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

छीपानेर और इंदौर की ओर बढ़ रहा है नया शहर

हरदा.25 साल पहले छोटी से तहसील से जिला मुख्यालय का दर्जा हासिल करने वाले हरदा शहर का दायरा छीपानेर और इंदौर नेशनल हाइवे की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इन दोनों ही दिशाओं में शहर के विकास और भविष्य की संभावनाएं ज्यादा दिखाई दे रही हैं। इन क्षेत्रों में विकास और आबादी बढ़ने के कारण आवासीय और कृषि भूमि के रेट भी दोगुना से ज्यादा हो गए हैं। जहां एक ओर कॉलोनाइजर इस ओर जमीन खरीदकर कॉलोनी काट रहे हैं,वहीं कृषि की खरीदी में भी लोग इन्हीं दो दिशाओं में रुचि ले रहे हैं।

2 min read
Google source verification

हरदा

image

Mahesh bhawre

Jul 06, 2023

 छीपानेर और इंदौर की ओर बढ़ रहा है नया शहर

New city moving towards Chhipaner and Indore,New city moving towards Chhipaner and Indore,New city moving towards Chhipaner and Indore


फोरलेन है कारण:
हंडिया से टेमागांव के बीच 50 किमी हरदा जिले की सीमा में फोरलेन बन रहा है। छोटी हरदा के पास से बायपास भी बना है। फोरलेन निर्माण से पहले इस क्षेत्र में किसानों से जमीन अधिग्रहित की गई। फोरलेन और इससे जुड़ा बायपास बनने के कारण यहां जमीनों के भाव एकदम से दो गुना से भी ज्यादा हो गए हैं। वहीं अब लोगों को भविष्य की संभावना भी इस ओर दिख रही है।

50 से ज्यादा कॉलोनी:
6 साल पहले के परिसीमन में छोटी हरदा नगरीय सीमा का हिस्सा वार्ड के रुप में बना। छोटी हरदा वार्ड सहित आसपास के तीन एरिया में ही 50 से 55 कॉलोनियां हैं। ये कॉलोनियां हाइवे से लगी हैं। कई लोगों ने खेती की जमीन खरीदकर उसे आवासीय प्रयोजन में परिवर्तित कराया। इसके बाद कई कॉलोनियां बनाकर प्लाॅट व मकान बनाकर बेचे। खास बात यह है कि इसी हाइवे किनारे जिला जेल के पास ही पुलिस लाइन भी बनी है। इस कारण यह क्षेत्र लोगों की नजर में क्रीम व प्राइम लोकेशन का होने के साथ साथ सुरक्षित भी लगने लगा है।


रोड और पुल ने बदली तस्वीर:
गुजरते समय के साथ छीपानेर रोड़ पर भी शहर का विस्तार हो रहा है। कुछ समय पहले ही हरदा से छीपानेर के बीच नया हाइवे की शक्ल में रोड़ बना है। वहीं छोटी छीपानेर में चिचोट कुटी के पास 39 करोड़ से बना पुल भी बनकर तैयार हो गया। जिससे हरदा,सीहोर के बीच करीब 20 किमी की दूरी कम हो जाएगी। इस दिशा में तेजी से कॉलोनी बन रही हैं,जिसमें लोग रुचि ले रहे हैं। खेती,ढाबा और रेस्टोरेंट क्लीनिक के लिए भी लोग जमीन तलाश रहेे हैं।


इनका कहना है
इंदौर रोड पर राजधानी कॉलोनी में हर श्रेणी के व्यक्ति के लिए 1000 मकान बनाकर बेचे हैं। रेट भी कम रखे,जिससे हर व्यक्ति का आवास का सपना पूरा हो सके। सरकार ने भी 2.67 लाख की सब्सिडी दी,जिससे हाथों हाथ पूरे मकान बिक गए। यह यह लोगों की पहली पसंद में शामिल एरिया हो गया।
-राम सोनी,कॉलोनाइजर
अब लोग शहर के ट्रैफिक की भीड़ और शोरगुल से दूर रहना खुशनुमा माहौल में परिवार के साथ रहना चाहते हैं। ऑनलाइन शॉपिंग और होम डिलवेरी ने भी बाजार जाने की चिंता खत्म कर दी है। बस और ट्रेन की टिकट ऑनलाइन बुक होने लगी है। सड़कें बनने से आवागमन की सुविधा अब हर तरफ है,इस कारण लोग सड़क से भीतर भी प्लॉट ले रहे हैं।
-माेहित अग्रवाल,कॉलोनाइजर
शहर का विकास और विस्तार निर्माण और बसाहट के कारण अब लोगों को खंडवा के बजाय इंदौर और छीपानेर रोड पर ही नजर आ रहा है।यही कारण है कि लोग इन लोकेशन पर खेती और आवासीय भूमि तेजी से खरीद रहे हैं। यहां 2-3 साल तक पहले तक 15 लाख रुपए एकड़ मिलने वाली जमीन अब 30 से 40 लाख रुपए तक जा पहुंची है।
-नितेश बादर,कॉलोनाइजर
एक्सपर्ट कमेंटस
आजकल सुरक्षा के लिए लिहाज से लोग कवर्ड और सर्व सुविधा युक्त कॉलोनियों में परिवार के साथ तनाव मुक्त रहना चाहता है। इसके लिए वे लोग पैसा खर्च करने से अब परहेज नहीं करते। बैंक से फाइनेंस सुविधा ने भी लाेगों को पॉश कॉलोनियों में प्लॉट खरीदी के लिए प्रेरित किया है।
-अरविंद हरणे,आर्किटेक्ट एंड इंजीनियर