
Pits dug in Narmada from Poklen started causing death for sand laborers
---प्रत्यक्षदर्शी अरुण केवट ने बताया कि वे अन्य मजदूरों के साथ शनिवार को हंडिया तहसील के मनोहरपुरा में नर्मदा नदी से नाव में रेत भरने सुबह 8 बजे गए थे। सुबह की शिफ्ट में एक बार वे नाव में रेत भर चुके थे। इसके बाद सभी ने भोजन किया। फिर दूसरी नाव में रेत भरने के लिए वे सभी नर्मदा में उतरे। इस दौरान वे बातचीत करते हुए काम भी कर रहे थे। आधी नाव भरने के बाद किसी ने कहा कि काफी देर से पवन नहीं दिखाई दे रहा है। तभी घबराए हुए साथियों ने उसकी तलाश शुरु की। काफी मशक्कत के बाद पानी भीतर पवन पड़ा हुआ मिला,जिसे वे जैसे तैसे निकालकर बाहर घाट पर लेकर आए,तब उसकी सांस चल रही थी। उसे तुरंत हंडिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया,जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव का पंचनामा बनाकर पीएम के लिए जिला अस्पताल भेजा।
बेसहारा हुए बच्चे:
अफसरों और जनप्रतिनिधियों की नर्मदा में अवैध खनन और पोकलेन रोकने की दिखावटी चिंता केवल भाषणों तक ही सीमित है। यही कारण है कि जब जब भी सख्ती की बात हुई तब तक रेत खनन में तेजी आयी और नर्मदा में पोकलेन की संख्या माफिया ने बढ़ा दी। नर्मदा में गहरी खुदाई से बने गडढे अब इस तरह जानलेवा बनने लगे हैं। पवन की मौत ने तीन मासूम बच्चों को अनाथ कर दिया। मजदूर की पत्नी बच्चों के भविष्य और उनके पालन पोषण को लेकर बेहद चिंतित है।
जिले की सीमा में हंडिया से छीपानेर के बीच और प्रतिबंधित खदानों से हो रहे अवैध खनन और नर्मदा में दिन रात बेखौफ चल रही पोकलेन,जेसीबी,बीच नर्मदा तक जाने के लिए बहाव रोक कर बनाए गए रास्ते शहर की सड़कों का दम निकालते एक्सेस बॉडी के ओवरहाइट डंपरों को लेकर पत्रिका लगातार मामला उठा रहा है,लेकिन जिम्मेदार राजनीतिक दबाव व ट्रांसफर के डर से कार्रवाई से बच रहे हैं।
इनका कहना है
एक रेत मजदूर पवन पिता भैयालाल केवट उम्र 38 साल की शनिवार को रेत निकालते समय मौत हुई है। मृतक के अन्य साथियों ने ही उसकी तलाश की,जब वह मिला। पंचनामा तैयार कर शव पीएम के लिए भेजा है।
-आशीष मिश्रा,नायब तहसीलदार हंडिया
Published on:
28 May 2023 03:56 pm
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