
Railway control panel room does not start
हरदा. स्थानीय रेलवे स्टेशन को बी श्रेणी का दर्जा मिलने के बावजूद यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाएं नहीं की जा रही है। रेलवे बोर्ड से स्वीकृत हो चुके कामों को भी समय पर नहीं करवाया जा रहा है। प्लेटफार्मकी लंबाईबढ़ाने से लेकर ट्रेनों का संचालन करने वाले कम्प्यूटराईज्ड कंट्रोल पैनल लगाने सहित अन्य कार्य फाइलों में ही बंद पड़े हुए हैं। जबकि नया कंट्रोल रूम बनाने के लिए रेलवे क्वार्टर तोडऩे से लेकर निर्माण करने की टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, किंतु कार्य नहीं कराया जा रहा है।भिरंगी रेलवे स्टेशन पर पैनल रूम बनाने का काम शुरूहो गया है। किंतु हरदा में कार्य की शुरुआत का पता नहीं।
भिरंगी में काम शुरू, हरदा में नींव भी नहीं खोदी
सालों से प्लेटफार्मनंबर दो और तीन पर ही बड़ी ट्रेनों का स्टॉपेज हो रहा है। वहीं प्लेटफार्म नंबर एक पर केवल पैसेंजर ट्रेन को ही खड़ा किया जाता है। भोपाल, इटारसी, खंडवा सहित अन्य स्टेशनों के एक नंबर प्लेटफार्मों की तर बड़ी ट्रेनों के खड़े करने के लिए यहां के प्लेटफार्मकी लंबाईभी बढ़ाईजाएगी। इसके लिए रेलवे द्वारा प्लेटफार्म नंबर एक को बढ़ाने के ट्रेनों का संचालन करने वाले कंट्रोल पैनल रूम को साइकिल स्टैंड के बाजू से तोड़े गए 6 बंगलों की जगह पर शिफ्ट किया जाएगा। ऐसे ही पैनल रूम हरदा के अलावा भिरंगी और पलासनेर में भी लगभग २ करोड़ ८ लाख रुपए की लागत से बनाए जाएंगे। पिछले महीने कंट्रोल पैनल रूम बनाने के लिए टेंडर प्रक्रिया पूर्ण हो गई थी।इसमें हरदा और भिरंगी में एक साथ काम शुरू होना था, लेकिन भिरंगी में काम प्रारंभ हो गया है, किंतु हरदा में इसकी नींव भी नहीं खोदी गई। इससे यहां के अधिकारियों की कार्यशैली का अंदाजा लगाया जा सकता है।
बटन दबाते ही दूसरी लाइन पर आएगी ट्रेन
स्थानीय प्लेटफार्म नंबर पर सालों पुराने कंट्रोल से ट्रेनों का संचालन हो रहा है। जबकि आज के समय में ट्रेनों की स्पीड काफी बढ़ गई है। वहीं रेल पटरियों को भी बदला गया है। किंतु यहां के पैनल को बदलने की योजना में तेजी नहीं लाईजा रही है। पुराने कंट्रोल पैनल डिप्टीएसएस को भी कार्यकरने में काफी दिक्कतें आती हैं। वहीं ट्रेनों को शटिंग करने के लिए बार-बार पाइंट्समैनों को लाइनों को मिलाना पड़ता है। मालगाड़ी अथवा अन्य ट्रेन को दूसरी पटरी पर लाने के लिए काफी समय लगता है। कर्मचारियों को अलग-अलग जगहों की पटरियों को जोडऩा पड़ता है। नया लगने वाला आरआरआई कंट्रोल पैनल कम्प्यूटरीकृत रहेगा, जो इंटरलॉकिंग सिस्टम से संचालित होगा। जिस ट्रेन को कौनसे प्लेटफार्म पर खड़े करना है, इसके लिए केवल डिप्टीएसएस को केवल बटनों का उपयोग करना रहेगा। ट्रेनों के शंटिंग कार्य में भी कर्मचारियों को रेलवे पटरियों में जाकर काम करने की जरुरत नहीं पड़ेगी। पैनल का बटन दबाते ही लाइने जुड़ जाएंगी। किंतु फिलहाल पैनल को रखने के लिए तैयार होने वाले रूम को बनाने की तरफ ही अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
रेलवे डबल फाटक तक बढ़ेगी एक नंबर प्लेटफार्मकी लंबाई
प्लेटफार्म नंबर एक को बड़ी ट्रेनों के खड़ी करने के लायक बनाया जाएगा। किंतु सालों पुराने इस प्लेटफार्मकी लंबाईकाफी कम है, जिससे पंजाब, झेलम, कामायनी, हावड़ा, हबीबगंज, गरीब रथ सहित अन्य बड़ी ट्रेनों को प्लेटफार्म नंबर दो और तीन पर खड़ा किया जाता है। लोगों को उक्त ट्रेनें पकडऩे के लिए उक्त प्लेटफार्मों पर जाना पड़ता है, इसमें निशक्त अथवा बुजुर्ग लोगों को वहां पहुंचने में काफी परेशानियां होती हैं, मगर उक्त दोनों प्लेटफार्मों की लंबाई भी कम होने के कारण बड़ी ट्रेनों की तीन बोगियां प्लेटफार्म से नीचे ही खड़ी रहती हैं। इस समस्या को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने प्लेटफार्मनंबर एक की लंबाई आरपीएफ थाने के पास से लेकर रेलवे डबल फाटक के पास स्थित रेलवे केबिन तक बढ़ाने की योजना बनाईहै, ताकि इस पर २६ बोगी वाली ट्रेनें खड़ी हो सकें। प्लेटफार्म बढ़ाने के लिए पुराने मालगोदाम को दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जाएगा।
इनका कहना है
रेलवे प्लेटफार्म नंबर एक की लंबाई बढ़ाने से लेकर अन्य कार्य कराने की रेलवे ने योजना तैयार की है। इसके तहत तोड़े गए 6 बंगलों की जगह पर डिप्टीएसएस कार्यालय शिफ्ट किया जाएगा। हरदा, भिरंगी और पलासनेर में नए कंट्रोल पैनल स्थापित करने के लिए रूम बनाए जाना हैं। भिरंगी में इसका काम शुरूहो गया है। हरदा में कब काम प्रारंभ होगा, इसके बारे में इंजीनियरिंग विभाग को पता होगा।
एचजे पाल, स्टेशन प्रबंधक, हरदा
Published on:
05 Mar 2019 07:00 am
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