
Rashike found, there was a mistake in giving marks on the evaluation portal
---संचालक राज्य शिक्षा केंद्र ने 23 मई को मप्र के सभी कलेक्टरों को पत्र भेजा। इसमें कहा कि 15 मई को घोषित नतीजों का बारीकी से विश्लेषण किया। इसमें पाया कुछ छात्र एक या दो विषयों में फेल हुए हैं,जबकि बाकी विषयों में पास हैं। ऐसे प्रकरणों में प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि मूल्यांकन या पोर्टल पर अंकों की इंट्री करते समय कुछ विसंगति हुई है। ऐसी संभावित स्थितियों के कारण छात्रों का अहित न हो। इस उददेश्य से राशिके ने एक या दो विषयों में फेल विदयार्थियों की कॉपियों का अनिवार्य पुनर्मूल्यांकन व पुनर्गणना कर पोर्टल पर सही अंकों की दोबारा इंट्री की जाए।
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संचालक ने कहा कि एक व दो विषयों में फेल होने वाले विदयार्थियों की कक्षा और विषयवार सूची संबंधित मूल्यांकन केंद्र प्रभारी,बीआरसी को परीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध करा दी है। संबंधित अब इन कॉपियों को दोबारा निकालकर 26 से 30 मई के बीच इस काम को पूरा करेंगे। एक मूल्यांकनकर्ता को दिन में 40 से ज्यादा कॉपी नहीं दी जाएगी।
जारी पत्र में यह भी स्पष्ट किया है कि मुख्य परीक्षा में मूल्यांकन के बाद यदि किसी विषय में
किसी विदयार्थी को नंबर ज्यादा दे दिए गए हैं। ऐसा छात्र यदि एक या दो विषयों में फेल है तो दोबारा के अनिवार्य पुर्नमूल्यांकन में अब उसके पहले आवंटित नंबरों में कटौती नहीं की जा सकेगी। मूल्यांकन में लाल स्याही का पेन उपयोग करना होगा।सभी कॉपियों के सील्ड पैकेट मूल विकासखण्डों में 3 जून तक अनिवार्य रुप से भेजने को कहा है,जिससे विद्यार्थियों के अवलोकन के लिए उपलब्ध कराया जा सके। संशोधन के बाद नए परिणाम की घोषणा 5 जून को की जाएगी।
मालूम हो पत्रिका ने बीते 18 मई को यह मुददा प्रमुखता से उठाया था। इसमें यह खुलासा किया था कि कक्षा 5 वीं में संस्कृत का विषय पाठयक्रम में कभी शामिल ही नहीं रहा। इसके बाद भी छात्रों को इसमें सप्लीमेंट्री दे दी गई। इसके अलावा जिस विषय में पास होने के लिए केवल 22 नंबर न्यूततम जरुरी थे,उसमें 25 मिलने पर भी फेल कर दिया गया। इस तरह की कई विसंगतियां सामने आयी थी। एक छात्र को सभी विषयों में 90 नंबर से अधिक मिले,उसे एक विषय में 4 नंबर मिलना बताकर फेल कर दिया। इस खामियों को पत्रिका ने उजागर किया था।
इनका कहना है
राज्य शिक्षा केंद्र ने पत्र भेजा है। जिसमें एक या दो विषयों में फेल विदयार्थियों की कॉपियों के अनिवार्य पुनर्मूल्यांकन को कहा है। तय समय सीमा में इसे पूरा किया जाएगा।
-एमके द्विवेदी,डीपीसी,हरदा
Published on:
23 May 2023 08:36 pm
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